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स्वरोजगार का मिला साथ, खिल उठे चेहरे
शहरी गरीब महिलाओं को सेल्फ हेल्प ग्रुप से जोड़ने की पहल नवादा नगर : गरीबी की बाधा को पार करने के लिए महिलाएं संगठित होकर स्वरोजगार की ओर आकर्षित हो रही हैं. सेल्फ हेल्प ग्रुप बना कर शहरी महिलाओं को ताकत देने की पहल की जा रही है. 10 से 20 महिलाओं का ग्रुप बना […]
शहरी गरीब महिलाओं को सेल्फ हेल्प ग्रुप से जोड़ने की पहल
नवादा नगर : गरीबी की बाधा को पार करने के लिए महिलाएं संगठित होकर स्वरोजगार की ओर आकर्षित हो रही हैं. सेल्फ हेल्प ग्रुप बना कर शहरी महिलाओं को ताकत देने की पहल की जा रही है. 10 से 20 महिलाओं का ग्रुप बना कर बीपीएल परिवार व अन्य गरीब महिलाओं को एसएचजी से जोड़ कर उन्हें सरकारी अनुदान भी दिया जा रहा है.
इसके चलते खुद की जमा की गयी राशि से छोटे-मोटे रोजगार करते हुए घर की आमदनी बढ़ाने में अब महिलाएं भी सहभागी बन रही हैं. राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन एनयूएलएम के माध्मय से नगर पर्षद क्षेत्र की 2000 से अधिक गरीब महिलाओं को 200 एसएचजी ग्रुप से जोड़ कर उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाया जा रहा है. परचुन, किराना, सब्जी आदि की दुकानें खोल कर रोजगार करने के साथ ही खुद से लहठी बनाने, सिलाई करने आदि रोजगार से महिलाएं जुड़ रही हैं.
प्रशिक्षण की भी व्यवस्था
ग्रुप की महिलाएं आगे बढ़ें, इसके लिए उनकी रुचि के काम में उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाता है. इसके लिए नगर पर्षद के द्वारा तय एजेंसी महिलाओं का सहयोग करती है. मार्च 2017 में 50 महिलाओं को मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण दिया गया है. इस काम से कई महिलाएं जुड़ कर मशरूम उत्पादन कर रही हैं. इसी प्रकार से सिलाई, लहठी निर्माण आदि के प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की गयी है.
शहर में 200 एसएचजी कर रहे काम
नगर पर्षद क्षेत्र में 200 सेल्फ हेल्प ग्रुप (एसएचजी) राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत काम कर रहे हैं. इससे जुड़ी महिलाएं आपस में अनुदान के रूप में बैंक से प्राप्त रुपये के अलावा खुद से जमा की गयी पुंजी से ऋण लेकर खुद का रोजगार कर रहीं हैं. वार्ड दो और तीन की गुड़िया देवी, अन्नपूर्णा कुमारी जैसी महिलाएं ग्रुप को बढ़ा कर रोजगार के नये अवसर तलाशने में मदद कर रही हैं. एक ग्रुप में 10 से 20 महिलाएं रहती हैं, ग्र्रुप में गरीबी रेखा के नीचे आनेवाली महिलाओं को तरजीह दी जाती है. ताकि, उनके आर्थिक विकास के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ उन्हें दिया जा सके. महिलाएं सरकार द्वारा दिये जानेवाले 10 हजार रुपये की अनुदान राशि के साथ आपस में इकट्ठा किये गये रुपये से खुद का रोजगार शुरू कर आमदनी कर रही हैं.
क्या कहती है महिलाएं
ग्रुप से जुड़ने के बाद महाजन के यहां से उधार लेकर रोजगार करने के बजाय ग्रुप से ही उधार लेकर रोजगार कर रही हूं. अब छोटे-मोटे काम के लिए आसानी से ग्रुप में ही लोन मिल जाता है. इसमें ब्याज भी कम देना पड़ता है. किराना दुकान, सब्जी, फल आदि बेच कर घर की आर्थिक स्थिति सुधारने में लगी हूं.
गुड़िया कुमारी, वार्ड तीन
सिलाई का काम ग्रुप के माध्यम से कर रहे हैं. निश्चित ही घर की महिलाएं अपनी छोटी बचत के रुपये से ग्रुप में जुड़ कर नये रोजगार शुरू कर सकती हैं. एसएचजी ग्रुप काम करने के इच्छुक महिलाओं के लिए अच्छा है.
अन्नपूर्णा देवी, वार्ड दो
क्या कहते हैं अधिकारी
नगर पर्षद क्षेत्र में एसएचजी का संचालन एनयूएलएम के द्वारा होता है. नगर को कुल 13 एरिया लेबल कमेटी तथा बाद में नगर संघ के रूप में बांट कर संचालित करते हैं. प्रत्येक माह की 25 तारीख को नगर संघ की बैठक होती है. जबकि एरिया लेबल व समूह लेबल पर आवश्यकतानुसार सप्ताह या 15 दिन में बैठक होती है.
विनय प्रकाश, सीटी मैनेजर
ग्रुप बना कर महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत करने को लेकर उनके द्वारा बनाये जा रहे प्रोडक्ट को मार्केट उपलब्ध कराने में भी मदद की जाती है. सरकार की जो भी योजनाएं आती हैं, उसका लाभ ग्रुप से जुड़ी महिलाओं को दिया जाता है.
शशिभूषण प्रसाद सिंह, सिटी मिशन मैनेजर
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