बिहारशरीफ : अप्रैल का महीना अभी शुरू ही हुआ है. मगर चढ़ता जा रहा पारा लोगों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है. धूप इस कदर तीखी होती जा रही है कि लोग तपिश से परेशान होते नजर आने लगे हैं. जैसे-जैसे दिन चढ़ता है सड़कें सूनी होने लगती है. लोग घरों से बाहर निकलने में जहां तक हो सके बचने लगे हैं.
नौकरी, व्यापार, पढ़ाई व अन्य दूसरे जरूरी काम को लेकर लोगों को बाहर निकलना मजबूरी भी है. रविवार को जिले का अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस रिकाॅर्ड किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस रहा. मौसम विशेषज्ञ की मानें तो अगले दो दिनों में तापमान 41 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाने की संभावना है. बढ़ती गरमी से शहर से लेकर गांव तक लोग परेशान हैं. तपिश से सूख रहे गले को तर करने के लिए लोग ठंडा पेय पदार्थों का सहारा ले रहे हैं. गरमी को देखते हुए जगह-जगह कोल्ड ड्रिक्स, शिकंजी, लस्सी, गन्ने का रस, मौसम्मी जूस की दुकानें खुल गयी है. शाम साढ़े पांच बजे के बाद मौसम में ठंडक होने पर लोग घरों से बाहर निकलकर खरीदारी करने को मजबूर हैं.
गरमी से होने वाले आम रोग
शरीर में निर्जलीकरण, लू लगना, चक्कर आना, घबराहट होना, नकसीर आना, उलटी-दस्त, घमौरिया
क्या कहते हैं चिकित्सक
”गरमी के दिनों में लू लगना, डीहाइड्रेशन, उलटी-दस्त, चक्कर आना, सिर दर्द, बुखार आदि की बीमारियां लोगों को परेशान करती है. गरमी के दिनों में तेज धूप से शरीर को बचाना जरूरी है. सूती कपड़ें पहने और घर से बाहर निकलते समय सिर व चेहरे को ढक लें. मौसमी फलों व सब्जियों का सेवन करें व घर में निर्मित ठंडे शरबत का प्रयोग करें. थोड़ी भी परेशानी हो तो चिकित्सक से मिले.”
डॉ केके मणी, वर्धमान मेडिकल कॉलेज, पावापुरी
बीमारियों के होने के प्रमुख कारण
गरमी में खुले शरीर व नंगे पांव धूप में घूमना.
तेज गरमी में घर से खाली पेट या प्यासे बाहर निकलना.
कूलर या एसी से निकल कर धूप में जाना.
धूप से आकर तुरंत ठंडा पानी पीना अथवा सीधे कूलर या ऐसी में बैठना.
तेज मिर्च-मसाला, बहुत गरम खाना, चाय, शराब आदि का सेवन करना.
सूती कपड़ों की जगह सिंथेटिक और कसे हुए कपड़े पहनना.
गरमी से बचाव को क्या करें
गरमी में जब भी घर से बाहर निकले, कुछ खाकर और पानी पीकर ही निकले.
गरमी में ज्यादा भारी भोजन और बासी भोजन नहीं करें.
जब भी घर से निकले सिर व चेहरा रूमाल से ढक कर ही निकलें, धूप चश्मा का प्रयोग कर सकते हैं. गरमी में आम का पना, खस, चंदन, गुलाब फालसा, संतरा, ठंडाई, सत्तू, दही की लस्सी, मट्ठा का सेवन करें.
लौकी, ककड़ी, खीरा, तरबूज आदि का सेवन करें व खूब पानी पीएं.