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डाटा फीड करने से लेकर एमडीएम का काम बाधित

परेशानी.10 दिनों में तीन हड़तालें टूटीं,जबकि चार हड़तालें हुईं शुरू जिले में इन दिनों हड़तालों से परेशानी बढ़ गयी है. एक हड़ताल ठीक से टूटती भी नहीं है कि दूसरी शुरू हो जाती है. चालू माह के पिछले दस दिनों को ही देखें तो इस अवधि में ही तीन हड़तालें टूटी और फिर चार नयी […]

परेशानी.10 दिनों में तीन हड़तालें टूटीं,जबकि चार हड़तालें हुईं शुरू
जिले में इन दिनों हड़तालों से परेशानी बढ़ गयी है. एक हड़ताल ठीक से टूटती भी नहीं है कि दूसरी शुरू हो जाती है. चालू माह के पिछले दस दिनों को ही देखें तो इस अवधि में ही तीन हड़तालें टूटी और फिर चार नयी हड़तालें शुरू हो गयी.
हड़तालों की वजह से विभिन्न टीकाकरण कार्यक्रम,स्कूलों में बच्चों के लिए भोजन बनाने,डाटा संधारण सहित कई प्रमाणपत्रों के बनाने का काम ठप हो गया है. ऊपर से इस हड़ताल में बिहार शिक्षा परियोजना की इंजीनियरिंग विंग के जुड़ जाने से सरकारी स्कूलों की बन रही बिल्डिंग एवं शौचालय का निर्माण कार्य भी रूक गया है.
बिहारशरीफ : चालू माह जून के बीते दस दिनों को देंखे तो इस अवधि में जहां तीन हड़तालें टूटी, वहीं चार नयी हड़तालें शुरू हो गयी. ऐसे में कई विभागों के कार्यालयों में जहां रौनक लौट गयी,वहीं अब कई में सन्नाटा पसरा है.
यह स्थिति हड़ताली कर्मियों की अपने-अपने ऑफिसों में अनुपस्थिति से बनी है. इस माह की 05 से 09 जून तक यानी सिर्फ पांच दिनों में होमगार्ड, स्वास्थ्य संविदा कर्मी एवं संविदा पारा मेडिकल कर्मियों की हड़ताल पर जहां ब्रेक लग गया, वहीं 01 से 09 जून तक कार्यपालक सहायक, आशा कर्मी, मध्याह्न् भोजन कर्मी व परियोजना कर्मी,संसाधन शिक्षक एवं केजीवीवी कर्मियों की हड़ताल शुरू हो गयी.
इस हिसाब से सिर्फ दो दिनों में ही यानी 08 से 09 जून तक तीन नयी हड़तालें शुरू हो गयी. भले ही यह हड़ताल कर्मियों द्वारा लंबित मांगों की पूर्ति के लिए की जा रही है,लेकिन इसका असर कई कार्यो पर दिख रहा है. इससे जिला प्रशासन सहित आम लोगों को भी परेशानी हो रही है. बावजूद एक हड़ताल टूट रही है तो फिर दूसरी शुरू हो रही है. ऐसे में शहर में धरना- प्रदर्शन, पुतला दहन,जूलूस एवं घेराव जैसे कई आंदोलन चल रहे हैं.
कार्यपालक सहायकों की प्रमुख मांगें
– अनुबंध मानदेय आधारित नियोजन को समाप्त किया जाय.
– नियमित कर्मियों की तरह वेतनमान व अन्य सुविधा मिले.
– वर्ष 2007 की आदेश संख्या 2401 को सख्ती से लागू हो.
– न्यूनतम 20 हजार रुपये मानदेय दिया जाय.
हड़ताल से काम बाधित
– जाति,आवास,आय,ओबीसी प्रमाणपत्र बनाने,डाटा संधारण ,दाखिल-खारिज जैसे कई कार्य ठप.
आशा कर्मियों की प्रमुख मांगे:
– सरकारी सेवक का मिले दर्जा.
– सरकारी कर्मी घोषित होने तक 10 हजार रूपये मासिक मानदेय दिया जाय.
– सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर विश्रम गृह का निर्माण किया जाय.
हड़ताल से यह काम प्रभावित :
– टीकाकरण कार्य व विभिन्न स्वास्थ्य सेवाओं का क्षेत्र में प्रचार- प्रसार कार्य बाधित.
मध्याह्न् भोजन कर्मियों की प्रमुख मांगें:
एमडीएम कर्मी सह रसोइयों की सेवा नियमित किया जाय.
– समान काम के लिए मिले समान वेतन का हो भुगतान.
– सेवा अवधि के नाम पर आर्थिक व मानसिक दोहन बंद किया जाय.
– निदेशालय अनुसार तीन साल तक सेवा विस्तार का मिले फायदा.
मिड डे मील पर असर
– स्कूलों में भोजन बनाने का काम ठप.
कस्तूरबा विद्यालय व समावेशी शिक्षा कर्मियों की प्रमुख मांगें.
– कस्तूरबा कर्मी व समावेशी शिक्षा कर्मियों की सेवा स्थायी की जाय.
– 01.01.2006 के प्रभाव से छठे वेतनमान लागू किया जाय.
– कर्मियों को सरकारी सेवक घोषित करने की मांग जोर पकड़ा.

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