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अपहृत छात्र की वापसी को मांगी जा रही फिरौती

सिलाव : सिलाव बाजार के सोरा कोठी मोहल्ला निवासी रामचंद्र विश्वकर्मा के 14 वर्षीय पुत्र सूरज के अपहरण के दस माह बीत जाने के बाद भी पुलिस को उसका सुराग नहीं मिल पाया है. इधर अपहृत छात्र के पिता के मोबाइल पर फोन कर फिरौती की राशि मांगे जाने का सिलसिला लगातार जारी है. अपहृत […]

सिलाव : सिलाव बाजार के सोरा कोठी मोहल्ला निवासी रामचंद्र विश्वकर्मा के 14 वर्षीय पुत्र सूरज के अपहरण के दस माह बीत जाने के बाद भी पुलिस को उसका सुराग नहीं मिल पाया है.
इधर अपहृत छात्र के पिता के मोबाइल पर फोन कर फिरौती की राशि मांगे जाने का सिलसिला लगातार जारी है. अपहृत छात्र के दादी व पिता का रो-रो कर बुरा हाल है. अपहृत बालक अष्टम वर्ग का छात्र है. वह सात जुलाई 2014 को स्थानीय बाजार से गायब हो गया था. इस संबंध में सिलाव थाने में प्राथमिकी दर्ज भी करायी गयी थी. पुलिस उपाधीक्षक नालंदा द्वारा गायब छात्र सूरज का फोटो के साथ लापता होने का विज्ञापन भी छापा गया था.
अपहृत छात्र सूरज के पिता रामचंद्र विश्वकर्मा ने बताया कि 02 जनवरी 2015 को उनके मोबाइल पर 9199431034 से फोन आया कि सूरज उसके पास है. फोन करने वाले ने बताया कि वह मधुबनी से बोल रहा है. बीस हजार रुपये लेकर आ जाओ, तुम्हें अपने पुत्र से मिला दिया जायेगा. रामचंद्र जब मधुबनी पहुंचे तो वहां अपने पुत्र के बारे में कुछ भी पता नहीं चल सका. रामचंद्र विश्वकर्मा मधुबनी के थानाध्यक्ष से मिल कर आपबीती सुनायी.
मगर मधुबनी के थानाध्यक्ष ने कुछ भी मदद कर पाने में अपनी असमर्थता प्रकट की. थानाध्यक्ष ने रामचंद्र विश्वकर्मा को प्राथमिकी वाले थानाध्यक्ष से मिलने और उनके द्वारा ही इस संबंध में कोई मदद मिलने की बात बतायी. इधर 03 जनवरी 2015 को रामचंद्र विश्वकर्मा के मोबाइल पर 9801945289 से फोन आया कि तुम अगर अपने बच्चे को चाहते हो तो एक लाख रुपया मेरे बैंक एकाउंट 34397951359 में जमा कर मधुबनी के पैठना टोला स्थित शंकर टॉकीज के पास आ जाओ, तुम्हारा बेटा मिल जायेगा. इसके बाद वह मोबाइल स्विच ऑफ हो गया. 05 जनवरी 2015 को एक महिला ने रामचंद्र विश्वकर्मा के मोबाइल पर 7062531934 से फोन कर बताया कि अपने बेटे को जिंदा देखना नहीं चाहते हो. इसके बाद दूसरी ओर से बच्चे के साथ मारपीट की आवाज आने लगी. अपहृत बेटे के पिता ने इसकी जानकारी सिलाव के थानाध्यक्ष संतोष कुमार को दी है. थानाध्यक्ष संतोष कुमार ने बताया कि मामले की छानबीन की जा रही हे.
मामले में शामिल अपराधियों को शीघ्र पकड़ लिया जायेगा. छानबीन में यह खुलासा हुआ है कि जिस खाते में राशि जमा करने को कहा गया है वह वैशाली जिले के एसबीआई की शाखा का है. खाता प्रियंका नामक महिला का है. इस खाते को खोलने में जिस परिचय पत्र का इस्तेमाल किया गया है वह कंकड़बाग, पटना का है.

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