बिहारशरीफ : सोमवार को चांद दिखने के साथ ही माह-ए-रमजान का महीना शुरू हो गया. शाम होते ही मुस्लिम धर्मावलंबी चांद देखने की कोशिश करने लगे थे. आसमान साफ रहने के कारण चांद आसानी से दिखाई भी दिया.
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चांद का हुआ दीदार, आज से रखे जायेंगे रमजान के रोजे
बिहारशरीफ : सोमवार को चांद दिखने के साथ ही माह-ए-रमजान का महीना शुरू हो गया. शाम होते ही मुस्लिम धर्मावलंबी चांद देखने की कोशिश करने लगे थे. आसमान साफ रहने के कारण चांद आसानी से दिखाई भी दिया. मंगलवार से रमजान के रोजे रखे जायेंगे. सोमवार की रात्रि से ही तरावीह की नमाज भी शुरू […]
मंगलवार से रमजान के रोजे रखे जायेंगे. सोमवार की रात्रि से ही तरावीह की नमाज भी शुरू हो गयी. शहर की लगभग दो दर्जन से अधिक मस्जिदों में अलग-अलग समय पर तरावीह की नमाज अदा की गयी.
इमारत-ए-शरिया बिहार, झारखंड व ओड़िशा के स्थानीय काजी मौलाना मंसूर आलम कासमी ने बताया कि इस बार पहले दिन के रोजे के लिए सेहरी का समय 3.45 बजे पूर्वाह्न, जबकि इफ्तार का समय 6.21 बजे अपराह्न निर्धारित है. रमजान के आखिरी रोजे के सेहरी का समय 3.29, जबकि इफ्तार का समय 6.35 बजे होगा.
रमजान की अहमियत : इस्लाम धर्म की मान्यता के अनुसार रमजान महीने को इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक माना जाता है. इसी पाक महीने में अल्लाह के आखिरी रसूल हजरत मोहम्मद साहब पर कुरान नाजिल किया.
इस महीने में लोग रोजा रखकर एक-दूसरे की भलाई, मोहब्बत, ईमानदारी, कुरान की तिलावत, नफिल नमाजे, अजकारो अफकार, गरीबों की मदद, हमदर्दी आदि के साथ समय गुजारते हैं. रमजान के एक माह के प्रशिक्षण के बाद पूरे साल इसी पर अमल करके जिंदगी गुजारने के प्रशिक्षण का दूसरा नाम है रमजान. रमजान में मांगी गयी दुआएं आसानी से कबूल होती हैं.
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