विरोध. ठगे गये आईटीआई व एएनएम के विद्यार्थी, छात्रों में आक्रोश बढ़ा
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एडमिशन लेने वाला संस्थान ही निकला फर्जी
विरोध. ठगे गये आईटीआई व एएनएम के विद्यार्थी, छात्रों में आक्रोश बढ़ा जिला मुख्यालय में एसएमएफ ग्रुप इंडिया के नाम से चल रहा था फर्जी संस्थान लगभग 150 छात्र-छात्राओं के लाखों रुपये डूबे बिहारशरीफ : चले थे अपना भविष्य बनाने लेकिन अपनी ही नादानी से घर की जमा पूंजी भी गंवा बैठे. आज यही हालत […]
जिला मुख्यालय में एसएमएफ ग्रुप इंडिया के नाम से चल रहा था फर्जी संस्थान
लगभग 150 छात्र-छात्राओं के लाखों रुपये डूबे
बिहारशरीफ : चले थे अपना भविष्य बनाने लेकिन अपनी ही नादानी से घर की जमा पूंजी भी गंवा बैठे. आज यही हालत एसएमएफ ग्रुप इंडिया के द्वारा संचालित विभिन्न कोर्सों में नामांकन कराने वाले लगभग 150 छात्र-छात्राओं की हो गयी है. जिले के विभिन्न ग्रामीण इलाकों से कम पैसों में तकनीकी शिक्षा का सपना लेकर इस संस्थान में लगभग 150 छात्र-छात्राओं ने संस्थान द्वारा संचालित आईटीआई व एएनएम कोर्स में नामांकन कराये थे.
यह इंस्टीट्यूट ही फर्जी निकला और अब विद्यार्थियों के साथ-साथ उनके अभिभावक भी सिर पटक रहे हैं. हालांकि संस्थान के डायरेक्टर सिकंदर कुमार व असिस्टेंट डायरेक्टर सतीश कुमार पर बिहार थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. दोनों फर्जी डायरेक्टरों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. दोनों फर्जी डायरेक्टर इस्लामपुर थाना क्षेत्र के पंचरूखिया गांव के रहने वाले हैं तथा दोनों सहोदर भाई हैं.
इन दोनों भाईयों ने मिलकर शहर के इडेन गार्डेन व बचपन प्ले स्कूल के भवन में दो कमरों को किराये पर लेकर फर्जी संस्थान की स्थापना की. उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में ही ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार कर लगभग 150 छात्र-छात्राओं को कम खर्च में विभिन्न तकनीकी कोर्सों की शिक्षा देने का वादा कर अपने चंगुल में फंसाया. छात्र-छात्राओं ने बताया कि शुरुआत में यहां कक्षाएं भी चल रही थी. लेकिन अचानक मंगलवार को संस्थान के सूचना पट्ट पर संस्थान को पांच से 22 दिसंबर तक बंद करने की सूचना चिपका दी गयी थी.
इससे संस्थान के छात्र-छात्राओं में संशय की स्थिति उत्पन्न हो गयी तथा उन्होंने इसी भवन में संचालित बचपन प्ले स्कूल के डायरेक्टर सह मकान मालिक भरत कश्यप से इसके बारे में पूछताछ की. उन्होंने छात्र-छात्राओं को बताया कि यह संस्थान फर्जी है व संचालक सिकंदर कुमार पर प्राथमिकी दर्ज कराये हैं. वे लोग डायरेक्टर द्वारा ठगी के शिकार हुए हैं. अब वे दोनों जेल में हैं.
छात्रों व अभिभावकों का आरोप :
संस्थान में नामांकित छात्र-छात्राओं व अभिभावकों का कहना है कि मकान मालिक तथा संस्थान के डायरेक्टर सिकंदर कुमार की मिलीभगत से इस फर्जी संस्थान की स्थापना की गयी. चूंकि मकान मालिक लगभग एक वर्ष से बाहर थे. वापस आने पर रुपये के लेन-देन के विवाद के कारण ही मकान मालिक द्वारा संस्थान को फर्जी बताकर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी. इधर मकान मालिक सह बचपन प्ले स्कूल के डायरेक्टर खुद को निर्दोष बताते हुए कहते हैं कि इस संस्थान से उनका कोई वास्ता नहीं है. मामला पुलिस के पास है. ठगे तो निर्दोष बच्चे गये तथा अभिभावकों की गाढ़े पसीने की कमाई लूट ली गयी.
दो जुआरियों को किया गिरफ्तार
बिहारशरीफ. लहेरी थाना पुलिस ने बुधवार की संध्या थाना क्षेत्र के गगन दिवान मोहल्ले से जुआ खेलते दो जुआरियों को गिरफ्तार किया है. उक्त बातों की जानकारी लहेरी थानाध्यक्ष संतोष कुमार ने दी. थानाध्यक्ष ने बताया कि दोनों के पास से 940 रुपये नकद व ताश के पत्ते बरामद किये गये हैं. छापेमारी के दौरान दो जुआरी भागने में सफल रहे. गिरफ्तार जुआरियों की पहचान गगन दिवान मोहल्ला निवासी मो शहबाज व मो जाउल के रूप में की गयी है. दोनों को कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया गया है. थानाध्यक्ष ने बताया कि पिछले दिनों उक्त क्षेत्र में जुआ खेलने से संबंधित गुप्त जानकारी मिल रही थी. सूचना के बाद छापेमारी के दौरान दो की गिरफ्तारी की गयी है.
जलायी प्रति: बिहारशरीफ. बिहार राज्य स्वास्थ्य संविदा कर्मी संघ की जिला शाखा के आह्वान पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला स्तर से लेकर स्वास्थ्य उपकेंद्र स्तर तक समस्त स्वास्थ्य संविदा कर्मी मांगों को लेकर बेमियादी हड़ताल पर हैं. संविदा कर्मियों की चौथे दिन भी हड़ताल जारी रही. मांगों के समर्थन में कर्मी जिला स्वास्थ्य समिति के परिसर में धरने पर बैठे हैं. गुरुवार को हड़तालियों ने राज्य सरकार व स्वास्थ्य विभाग के प्रति नाराजगी जताते हुए नारेबाजी किया.
हड़तालियों ने प्रधान सचिव स्वास्थ्य विभाग के पांच दिसंबर 17 की प्रति को सामूहिक रूप से जलाते हुए विरोध जताया. हड़ताली कर्मियों को संबोधित करते हुए संघ के अध्यक्ष डॉ अजीत कुमार सिंह ने कहा कि सरकार का दमनकारी नीति व लोकतंत्र में हक मांगने के खिलाफ उनके द्वारा दबाने का प्रयास गलत है. समान काम के लिए समान वेतन देने की व्यवस्था सरकार करे. सरकार को हड़ताली कर्मियों के संघ के अधिकारियों से वार्ता किया जाना चाहिए. डॉ सुधीर कुमार ने कहा कि सरकार कर्मियों की हड़ताल से तिलमिला गयी है.
पूरे सूबे में स्वास्थ्य व्यवस्था बाधित हो गयी है. इस मौके पर प्रियंका कुमारी, बिहार चिकित्सा एवं जन कर्मचारी संघ के अरविंद कुमार, डॉ संजय कुमार, डॉ सत्यरंजन प्रसाद सिंह, सरिता रानी, मनोज कुमार, कुणाल कुमार, विकास आनंद आदि मौजूद थे.
”संस्थान के डायरेक्टर सिकंदर कुमार द्वारा कम पैसों में विभिन्न कोर्स कराये जाने का लालच दिया गया. कम खर्च में डिग्री मिलने के लालच में उन्होंने यहां एडमिशन कराया था.”
प्रीति कुमारी, छात्रा, जीएनएम
”गांव की छात्राओं द्वारा यहां एडमिशन कराया गया था. हमारे अभिभावक भी यहां मेरा नामांकन कराया. हालांकि हमसे 60 हजार रुपये वसूले गये.”
निशु कुमारी, छात्रा, जीएनएम
”मेरा नामांकन शुरू में ही कराया गया था. मैंने संस्थान को 12 हजार रुपये दिये थे. संस्थान में एडमिशन तथा पढ़ाई के लिए कोई निश्चित शुल्क नहीं था. हर छात्र से अलग-अलग राशि ली गयी.”
आरती कुमारी छात्रा, जीएनएम
”इस फर्जी संस्थान में एडमिशन लेकर मेरा तो भविष्य ही बर्बाद हो गया. मैंने अपनी सहेलियों की देखा-देखी में संस्थान को 10 हजार रुपये देकर जीएनएम कोर्स में एडमिशन कराया था.”
– ब्यूटी कुमारी, छात्रा, जीएनएम
”कम शुल्क के लालच में मैंने भी यहां एएनएम कोर्स में दाखिला लिया था. हालांकि संस्थान द्वारा बहुत ही कम जगह में कई प्रकार के कोर्स संचालित होते देखकर शुरू में ही शक हो रहा था.”
ज्योति , छात्रा,
”अपने साथियों की देखा-देखी मात्र 15 हजार रुपये में आईटीआई कोर्स करने के लिए एडमिशन लिया था. मैंने सात हजार रुपये संस्थान में जमा कराये थे. अब पछता रहा हूं.”
दीपक कुमार, छात्र, आईटीआई
”मैंने संस्थान से इलेक्ट्रिशियन का कोर्स करने के लिए 22 हजार रुपये दिये थे. अब हमारे अभिभावक भी हमसे नाराज हैं. उनका कहना है कि बिना समझे-बुझे कैसे एडमिशन कराया”
– राहुल कुमार, छात्र, आईटीआई
मौके पर पहुंची पुलिस : संस्थान के बंद होने की खबर सुनकर यहां नामांकित लगभग सभी छात्र-छात्राएं एक साथ पहुंच गये. इससे संस्थान में अफरा-तफरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी. बचपन प्ले स्कूल के डायरेक्टर के द्वारा बिहार थाने को इसकी सूचना दी गयी. मौके पर पहुंची पुलिस ने छात्रों व अभिभावकों को मामले की जांच तक शांति बनाये रखने की अपील की.
हालांकि पुलिस का कहना था कि मकान मालिक सह प्ले स्कूल के डायरेक्टर से भी गहराई से पूछताछ की जायेगी, क्योंकि इनकी जानकारी के बिना यहां फर्जी संस्थान कैसे चल सकती है. डायरेक्टर भरत कश्यप खुद को निर्दोष बताते रहे.
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