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Bihar News : कोरोना पीड़ित मरीजों की मौत का कारण बन रहा हार्ट अटैक, जानिये क्या कहते हैं डॉक्टर

ब्लड क्लॉटिंग की वजह से संकमित मरीज का दिल कमता के अनुसार पंप नही कर पाता और उसके हदय की गति रुक जाती है.

मुजफ्फरपुर. कोरोना की तीसरी लहर में अबतक दो लोगों की मौत हो चुकी है. एक मौत निजी अस्पताल में, तो दूसरी मौत एसकेएमसीएच मे हुई है. लेकिन अस्पताल से जो मौत का प्रमाण पत्र दिया गया है, उसमें साफ लिखा है कि मरीज की मौत हार्ट अटैक से हुई है.

एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ बाबू साहब झा ने कहा कि कोरोना वायरस शरीर में प्रवेश करने के बाद सूजन को बढ़ाता है, जिससे दिल की मांसपेशियां कमजोर पड़ने लगती है. जब ऐसा होता है तो इससे दिल की धड़कन पर असर पड़ता है और शरीर में खून के थक्के जमने लगते है.

मेडिकल साइंस मे इसे ब्लड क्लॉटिंग कहते है. ब्लड क्लॉटिंग की वजह से संकमित मरीज का दिल कमता के अनुसार पंप नही कर पाता और उसके हदय की गति रुक जाती है. अभी कोरोना के मरीजों मे ऐसा ही हो रहा है.

संक्रमण में मांसपेशियां खून को पंप नहीं कर पाती डॉ गोपाल शंकर सहनी ने कहा कि हार्ट तब फेल होता है, जब दिल की मांसपेशियां जितनी उसे जरुरत है, खून को पंप नहीं कर पाती. इस स्थिति में संकुचित हो चुकी धमनियां और हाई ब्लड प्रेशर दिल को पर्याप्त पम्पिंग के लिए कमजोर बना देते है.

जिन कोरोना मरीजों को समय रहते उपचार मिल गया, वे इस खतरे से बच गये. उन्होंने कहा कि अबतक कोरोना संक्रमित मरीजों का ऑक्सीजन लेवल ही चेक किया जाता था, लेकिन अब उसके हार्ट रेट पर भी ध्यान रखना होता है.

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