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मुजफ्फरपुर के दर्जनों मोहल्लों में घुसा बूढ़ी गंडक का पानी, छतों पर कट रही जिंदगी, घर के सामने चल रही नाव

बूढ़ी गंडक नदी के पानी में लगातार बढ़ोतरी जारी है, जबकि बागमती व गंडक में पानी घटने लगा है.हालांकि तीनों नदियां अभी भी खतरे के निशान से उपर बह रही है. सिकंदरपुर में बूढ़ी गंडक नदी के खतरे के निशान से 22 सेमी ऊपर बह रही है.

मुजफ्फरपुर: बूढ़ी गंडक नदी के पानी में लगातार बढ़ोतरी जारी है, जबकि बागमती व गंडक में पानी घटने लगा है.हालांकि तीनों नदियां अभी भी खतरे के निशान से उपर बह रही है. सिकंदरपुर में बूढ़ी गंडक नदी के खतरे के निशान से 22 सेमी ऊपर बह रही है.

नदी किनारे के मोहल्ले जलमग्न

पानी बढ़ने से नदी किनारे के मोहल्ले लकड़ीढाई, चंदवारा, कर्पूरी नगर, झील नगर, शेखपुर ढ़ाब, अहियापुर से लेकर मेडिकल कॉलेज, कांटी के मिठनसराय तक के क्षेत्र में बाढ़ प्रभावितों की समस्या गंभीर होती जा रही है.

घरों की छतों को आशियाना बनाया

इन मोहल्ले में पानी आ जाने के बाद कई ने अपने घरों में ताला लगा दिया है.झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोग बांध पर शरण ले चुके है. वहीं पक्के के मकान वाले जिनके मकान में पानी घुस गया है, वह नीचे का फ्लोर खाली करके दूसरे मंजिल पर रह रहे है, जबकि प्रथम तल वाले कई ने अपने घरों की छतों को आशियाना बना लिया है.

तीनों नदियां खतरे के निशान से ऊपर.

बागमती कटौझा में खतरे का निशान 55 मीटर और पानी 55.48 मीटर, बेनीबाद में खतरे का निशान 48.68 मीटर व वर्तमान में 49.89 मीटर, गंडक रेवाघाट में खतरे का निशान 54.41 मीटर व वर्तमान 54.74 मीटर, बूढ़ी गंडक खतरे का निशान 52.53 व वर्तमान में 52.75 मीटर पर बह रही है.

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शेखपुर में थर्मोकोल की नाव बनी सहारा

मेडिकल फोरलेन किनारे के क्षेत्र में स्थिति गंभीर है. अहियापुर व शेखपुर के दर्जनों मोहल्ले की स्थिति बहुत ही खराब हो चुकी है. वहां लकड़ी के नाव के साथ टयूब व थर्मोकॉल की नाव चल रही है. इन इलाकों में कई जगहों चार से पांच फुट तो कही इससे अधिक पानी जमा हुआ है. घरों में चोरी होने के डर से कई लोग अपने घर को नहीं छोड़ रहे है. बच्चों, महिला व बुजुर्ग घर से नहीं निकल रहे. घर के मुखिया केवल डयूटी के समय निकलते और रात को लौटते समय घर का सामान लेकर आते है.

मुशहरी व मीनापुर में 3000 लोग प्रभावित

इधर बागमती कटौझा में 42 सेमी कम है, जबकि बेनीबाद में 3 सेमी बढ़ने के बाद कमी शुरू हो गयी है. रेवा घाट में गंडक का जलस्तर 18 सेमी घटा है. बूढ़ी गंडक के जलस्तर में लगातार वृद्धि होने से शहर समेत आसपास के क्षेत्रों में भयावह स्थिति है. सिकंदरपुर में 5 सेमी की वृद्धि के साथ बूढ़ी गंडक का पानी खतरे के निशान से 22 सेमी ऊपर पहुंच गया है. इस कारण शहरी क्षेत्र के साथ आसपास के मुशहरी, कांटी और मीनापुर प्रखंड के तीन हजार से अधिक घरों में पानी घुस चुका है.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

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