इतना सुनते ही वीसी डॉ अमरेंद्र नारायण यादव झल्लाते हुए कहते हैं प्राचार्य को फोन लगा कर अभी हमसे बात कराइए. इस पर वीसी के सामने खड़ा सीएन कॉलेज साहेबगंज का कर्मचारी कहता है सर, प्राचार्य से बात करने पर समस्या का समाधान नहीं हो सकता है. बड़ा बाबू ही सब कुछ हैं, वो जो चाहेंगे वहीं होगा. एक बार आप खुद (वीसी) बड़ा बाबू को फोन कर दीजिए, तब वे संचिका दे देंगे. इससे पहले कई बार प्रॉक्टर साहब ने संचिका की मांग की थी, लेकिन बड़ा बाबू ने मूल संचिका नहीं दी. वहां प्राचार्य का कुछ नहीं चलता है.
इतना सुनते ही वीसी नाराज हो गये. सामने खड़े कर्मी को आदेश देते हुए कहते हैं, हम कुछ नहीं समझते हैं. मेरा काम बड़ा बाबू से बात करने का रह गया है? आप उन्हें समझा दीजिए. अभी वे मूल संचिका यहां पहुंचाएं, नहीं तो हम कैसे संचिका आती है, इसका रास्ता बना देंगे. इधर, इससे पहले भी बकाया वेतन भुगतान के लिए वीसी ने कॉलेजों से संचिका की मांगी थी, लेकिन कॉलेजों ने आज तक उन्हें उपलब्ध नहीं कराया है.