खींचतान. अधिकारियों के सामने वक्फ की जमीन पर कब्जे को अड़े मौलाना समर्थक
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घंटों हंगामा, समझाने पर नहीं माने
खींचतान. अधिकारियों के सामने वक्फ की जमीन पर कब्जे को अड़े मौलाना समर्थक मोतवली ने जमीन को अपना बताते हुए मौलाना सहित 50 के विरुद्ध दर्ज करायी थी प्राथमिकी जमीन पर कब्जे की शिकायत मिलते ही पहुंचे प्रशासनिक और पुलिस पदाधिकारी पांच घंटे तकरार के बाद भी मौलाना ने कब्जे के विरुद्ध समझौते को मानने […]
मोतवली ने जमीन को अपना बताते हुए मौलाना सहित 50 के विरुद्ध दर्ज करायी थी प्राथमिकी
जमीन पर कब्जे की शिकायत मिलते ही पहुंचे प्रशासनिक और पुलिस पदाधिकारी
पांच घंटे तकरार के बाद भी मौलाना ने कब्जे के विरुद्ध समझौते को मानने से किया इनकार
बातचीत विफल होने पर बैरंग लौटे एडीएम और अन्य अधिकारी
मुजफ्फरपुर : नगर थाना के कमरा मुहल्ला स्थित तकी खान वक्फ इस्टेट इमामबाड़ा के बगल 15 कठ्ठा जमीन पर कब्जे की कोशिशों को लेकर मंगलवार को पूरे दिन बवाल होता रहा. मौलाना काजिम शबीब और उनके समर्थक उक्त जमीन को वक्फ की बताते हुए उसपर कब्जे का प्रयास कर रहें थे.
वहीं मौके पर पहुंचे एएसपी (अभियान) राणा ब्रजेश,नगर डीएसपी आशीष आनंद और चार थानों की पुलिस इसको विफल करने की कोशिश में लगे थे. इस बीच पुलिस अधिकारियों ने मौलाना के गिरफ्तारी की भी रणनीति बनायी. लेकिन मौलाना समर्थकों के मौके ए वारदात पर डटे रहने से हिम्मत नहीं जुटा पाये. इस दौरान पुलिस अधिकारी व मौलाना समर्थकों के बीच कई बार बकझक और हाथापाई की नौबत भी आयी. लेकिन वहां पहुंचे शांति समिति के सदस्य आक्रोशितों को समझा-बुझाकर अप्रिय वारदात होने से रोक दिया.
मंगलवार को इमामबाड़े के बगल खाली जमीन पर मौलाना समर्थकों के जुटने की सूचना पर नगर डीएसपी आशीष आनंद के साथ ही एएसपी (अभियान) राणा ब्रजेश, प्रशिक्षु आइपीएस कान्तेश कुमार मिश्रा, नगर, मिठनपुरा, सदर व सिकंदरपुर ओपी के थानाध्यक्ष सहित सौ की संख्या में महिला और पुरुष जवान सुबह 12 बजे ही कमरा मुहल्ला पहुंच गये थे.
पुलिस अधिकारियों ने मौलाना काजिम शबीब और उनके समर्थकों को उक्त विवादित जमीन पर साफ-सफाई करने से रोका तो वे अड़ गये. इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने इस आशय की सूचना जिला मुख्यालय को दे दी.
सूचना मिलते ही एडीएम डॉ. रंगनाथ चौधरी और वरीय उपसमाहर्ता जावेद आलम भी वहां पहुंचे. उन्होंने शांति समिति के सदस्य संजय केजरीवाल, रेयाज अंसारी, पाले खान व माजिद के साथ मौलाना काजिम शबीब से बातचीत शुरू की. उन्हें कानून हाथ में नहीं लेते हुए मोतवली असगर इमाम की जमीन पर किसी तरह के कार्य करने से रोका. लेकिन मौलाना उक्त जमीन को मोतवली का मानने से इनकार करते हुए उनके आग्रह को ठुकरा दिया. साथ ही मोतवली के साथ वार्ता करने की पेशकश की.
पुलिस अधिकारियों को हटना पड़ा पीछे
मौलाना और उनके समर्थकों का रूख देख प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को पीछे हटना पड़ा. देर शाम तक उक्त जमीन पर अधिकारियों की मौजूदगी में ही साफ-सफाई का काम चलता रहा. देर शाम जब मौलाना नमाज अदा करने के लिए निकल गये तो उसके कुछ देर के बाद प्रशासनिक और पुलिस पदाधिकारी भी वहां से चल दिये. इस संबंध में पूछे जाने पर एडीएम व वरीय उपसमाहर्ता जावेद आलम ने बताया कि मामला वक्फ से जुड़ा है. इस जमीन के विवाद को लेकर कोई भी फैसला बोर्ड के स्तर से ही होगा. बोर्ड के अधिकारी इस मामले में मौलाना से वार्ता को तैयार नहीं हैं. पूरे मामले की रिपोर्ट जिलाधिकारी को दी जायेगी.
कमरा मोहल्ले में 15 कट्ठा जमीन पर कब्जे को लेकर चल रहा है विवाद
कागज लेकर पहुंचे थे मोतवली
वार्ता की पेशकश के बाद वहां मोतवली असगर इमाम को उक्त 15 कट्ठे जमीन के दस्तावेज लेकर उपस्थित होने का निर्देश दिया गया. दोपहर करीब डेढ़ बजे मोतवली भी वहां कागजात के साथ उपस्थित हुए. कागजात के अवलोकन के बाद उसके सत्यापन के लिए समय मांगा गया. मौलाना ने प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों को 28 फरवरी तक का समय दे दिया. इसी बीच मौलाना के एक समर्थक उक्त जमीन के वक्फ की होने के दस्तावेज पेश कर दिया. इसके अवलोकन के बाद मौलाना और उसके समर्थक एक बार फिर नारेबाजी करते हुए अड़ गये. एडीएम और वरीय उपसमाहर्ता के बाद भी मौलाना काजिम शबीब मानने को तैयार नहीं हुए. उनके समर्थक भी लाठी-गोली खाकर जमीन पर कब्जे की जिद पर अड़ गये.
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