शाम ढलते ही सर्द पछुआ हवा से लोग घर में कैद होने को मजबूर हो रहे हैं. मौसम विभाग ने अगले दो तीन दिनों तक कुहासा व धुंध छाये रहने व उत्तर बिहार के जिलों में शीतलहर बने रहने की संभावना व्यक्त की है. इस दौरान सात 3-7 किलोमीटर के रफ्तार से पछुआ हवा चलेगी. ठंड के साथ कनकनी बढ़ेगी. दिन का तापमान में और गिरवाट आने से परेशानी बढ़ सकती है. वैसे मौसम पूर्वानुमान के अनुसार अगले पांच दिनों में अधिकतम तापमान 18- 21 डिग्री व न्यूनतम 9 – 12 के बीच रहने का अनुमान है.
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धूप से थोड़ी राहत, शाम में कनकनी
मुजफ्फरपुर : चरम की ओर बढ़ रही ठंड का कहर लगातार चौथे दिन भी जारी रहा. न्यूतम तापमान 1.2 डिग्री नीचे ढुलक कर 9.4 डिग्री पर पहुंच गया है. हालांकि, शुक्रवार को राहत देने वाली बात यह रहा है कि दिन में गुनगुनी धूप निकलने से अधिकतम तापमान में गुरुवार की अपेक्षा सुधार हुआ है. […]
मुजफ्फरपुर : चरम की ओर बढ़ रही ठंड का कहर लगातार चौथे दिन भी जारी रहा. न्यूतम तापमान 1.2 डिग्री नीचे ढुलक कर 9.4 डिग्री पर पहुंच गया है. हालांकि, शुक्रवार को राहत देने वाली बात यह रहा है कि दिन में गुनगुनी धूप निकलने से अधिकतम तापमान में गुरुवार की अपेक्षा सुधार हुआ है. अधिकतम तापमान 14.8 डिग्री से आगे बढ़ कर 18 डिग्री हो गया. हालांकि अब भी अधिकतम तापमान सामान्य से 7.6 डिग्री कम है. इधर, रात में घना कोहरा के साथ पाला गिरने से सुबह की कनकनी लोगों के लिए आफत बनी हुई है.
ठंड ने लिया यू टर्न : महज छह दिन पहले तक गुलाबी ठंड का एहसास दिला रहा माैसम अचानक यू टर्न ले लिया. चार दिसंबर से दिन के तापमान में कमी आने से सर्दी अपने रंग में आने लगी. आलम यह रहा कि सात से आठ दिसंबर के बीच पारा तेजी से गिरा. दिन के तापमान में सात दिसंबर को छह डिग्री व आठ दिसंबर को दो डिग्री कम हुआ. यानी सिर्फ 48 घंटे में अधिकतम तापमान में आठ डिग्री तक की कमी आयी. हालांकि न्यूनतम तापमान का पारा धीरे-धीरे नीचे आया.
गेहूं के लिए बेहतर मौसम : ठंड के प्रकोप से भले ही जन जीवन अस्त – व्यस्त हो गया है. लेकिन खरीफ के फसल के लिए मौसम काफी अनुकूल है. खास कर गेहूं के लिए आगे यह वरदान साबित हो सकता है. ठंड व कुहासा रहने से अंकुरण के साथ पौधा तेजी से बढ़ता है. ऐसा देखा गया है कि दिसंबर की शुरुआत में ठंड व कुहासा रहने पर गेहूं का उत्पादन अच्छा होता है. हालांकि, हवा में नमी के कारण आलू, टमाटर, मटर व अन्य सब्जियों में झुलसा रोग लगने की संभावना रहती है.
अलाव के लिए आपदा ने मांगें पांच लाख
ठंड की कहर के मद्देनजर आपदा ने चौक – चौराहे पर अलाव जलाने के लिए पांच लाख राशि की मांग की है. शहरी इलाके में अलाव जलाने के जिम्मेवारी नगर निगम की है. वही ग्रामीण क्षेत्र में चौक-चौराहे पर अलाव की व्यवस्था स्थानीय प्रशासन द्वारा किया जाता है.
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