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नाश्ते व खाने दुकानों पर फिक्स होती है डील

मुजफ्फरपुर: सरकार की ओर से चलाये जा रहे भ्रष्टाचार विरोधी अभियान ने घूसखोरों को सर्तक कर दिया है. अब रिश्वत कार्यालयों के बजाय आसपास के होटलों में फिक्स होता है. गुरुवार को ऐसा नजारा मुजफ्फरपुर के निबंधन कार्यालय में दिखा. दिन के लगभग एक बजे हैं. कार्यालय के अंदर जाने के लिए आनेवालों से कई […]

मुजफ्फरपुर: सरकार की ओर से चलाये जा रहे भ्रष्टाचार विरोधी अभियान ने घूसखोरों को सर्तक कर दिया है. अब रिश्वत कार्यालयों के बजाय आसपास के होटलों में फिक्स होता है. गुरुवार को ऐसा नजारा मुजफ्फरपुर के निबंधन कार्यालय में दिखा.

दिन के लगभग एक बजे हैं. कार्यालय के अंदर जाने के लिए आनेवालों से कई सवाल पूछे जाते हैं. मसलन, किससे मिलना है, क्या काम है, साहब के ऑफिस में आप ऐसे नहीं जा सकते, अपना पूरा परिचय दीजिये, आदि. इसके कुछ देर बाद जो नजारा देखने को मिलता है, वह इसके बिल्कुल उलट होता है. कार्यालय के अंदर जो कर्मचारी सीधे मुंह बात करने को तैयार नहीं हैं, वही जब चाय पीने या खाना खाने के बहाने बाहर निकलते हैं, तो उनका हाव-भाव बदल जाता है. वह पूरी तरह से डील के मूड में दिखते हैं. छूटते ही बोलते हैं. मेरे पास ज्यादा भीड़ लगाने की जरूरत नहीं है, जिस व्यक्ति का काम हो, वही आये. इसके बाद बड़े ही शातिर अंदाज में डील शुरू होती है.

कहते हैं, अगर रजिस्ट्री करानी है, तो जैसा हम कह रहे हैं, वैसा करो. इसमें खर्चा आयेगा. अगर ऐसा नहीं करते हैं तो लाइन में लग जाइये, जब नंबर आयेगा, तब देखेंगे. अगर डील फाइनल हुई तो आनन-फानन में कागज आदि तैयार हो जाते हैं. संबंधित कर्मचारी के इशारे भर की जरूरत होती है, बिचौलिये आनन-फानन में सब कागजात तैयार करके आपके सामने कर देते हैं. आपको बस साहब के खर्चा-पानी के नाम पर सैकड़ों से लेकर हजारों तक में रिश्वत देनी होती है.

चाय-नाश्ते व खाने की दुकान पर डील फाइनल करने के बाद कर्मचारी फिर से ऑफिस में चले जाते हैं. इसके बाद शुरू होता है, ग्राहक के इंतजार का खेल. इस दौरान बीच-बीच में उस व्यक्ति के पास ये संदेश भेजे जाते हैं. साहब के सामने कितना और क्या बोलना है. बार-बार चेतावनी दी जाती है. अगर मेरे बताने के अलावा कुछ बोले, तो आप जाने. आपका काम नहीं होगा. हमने जितना रेट जमीन का बताया है, उतना ही बताना. जितना पैसा मिलने की बात कही है, उतना ही बताना है. आगे-पीछे एक भी शब्द नहीं बोलना है.

इससे आपके रजिस्ट्री के हजारों रुपये का स्टांप बच जायेगा. आपका फायदा होगा. आपका फायदा होगा तो हमारा भी फायदा होगा. हम तो आपकी सेवा के लिए ही यहां बैठे हैं. जैसे ही संबंधित व्यक्ति का नंबर आता है. उसे जितना बताया गया है, वह उतना ही बोलता है. उसके अलावा वह कोई भी बात नहीं करता है. कुछ ही देर में काम हो जाता है. इस दौरान कुछ कर्मचारी इशारे में के बीच इशारे होते रहते हैं.

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