मुजफ्फरपुर: एक ओर शहर के सुंदर व स्वच्छ बनाने की कवायद की जा रही है, दूसरी ओर शहर के बीच में कूड़ा डंपिंग की जा रही है. जवाहर लाल रोड स्थित घिरनी पोखर पर हो रही कूड़ा डंपिंग से आसपास के लोगों का जीना मुहाल हो गया है. पोखर के पास दो स्कूल भी है. इस कारण बच्चों को स्कूल जाने में परेशानी होती है. कूड़ा डंपिंग के कारण सब्जी मंडी भी प्रभावित हो रही है.
सब्जी विक्रेताओं ने बताया की बदबू के कारण यहां लोगों का आना कम हो गया. अब तो हालत यह है कि इसकी बदबू जवाहर लाल रोड मुख्य सड़क आने लगी है.
इधर बताते चलें कि कुछ दिनों पूर्व साफ-सफाई को लेकर स्वास्थ्य विभाग के साथ हुई बैठक में निर्णय लिया गया था कि शहर में कूड़ा डंपिंग नहीं की जायेगी. वहीं दिसंबर माह में प्रमंडलीय आयुक्त की अध्यक्षता में हुई बैठक में शहर में कूड़ा डंपिंग पर रोक बावजूद शहर में कूड़ा डंपिंग की जा रही है. इसके अलावा दादर कोल्हुआ पुल, कन्हौली रोड में भी कूड़ा डंपिंग की जा रही है. इस कारण इन रास्तों से गुजरने वाले लोगों का जीना मुहाल हो रखा है.
सरकारी पोखरों पर भू माफिया की नजर
शहर के कई सरकारी पोखरों पर भू माफियों की नजर होने की बात सामने आ रही है. ब्रह्मपुरा संजय सिनेमा रोड स्थित पोखर में कुछ भू माफिया पैसा देकर कचड़ा डलवा रहे हैं. स्थानीय लोगों की माने तो पोखर पर कब्जा जमाने के लिए कचड़ा भरने का खेल चल रहा है. पाेखर की स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है अगर इसी तरह कुछ दिनों तक कचड़ा डालने का खेल चलता रहा तो पोखर का नामों निसान तक मिट जायेगा. जहां एक ओर सरकार वाटर लेबल को संभालने के लिए पोखर और कुंआ रिचार्ज करने के लिए आकस्मिक योजना बना रही है. वहीं दूसरी ओर निगम प्रशासन की लापरवाही से पोखर को कचड़ा से भरा जा रहा है. अगर जल्द प्रशासन नहीं चेतता है तो शहर का एक पोखर भू माफियाओं के नाम हो जायेगा.