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अपडेट होंगे स्टडी मैटेरियल
मुजफ्फरपुर/ पटना. नालंदा खुला विश्वविद्यालय (एनओयू) स्टडी मैटेरियल को अपडेट किया जायेगा. यूजीसी के नए मापदंडों के अनुसार स्टडी मैटेरियल होंगे. इसको लेकर विवि द्वारा तैयारी की जा रही है. शिक्षकों को नये स्टडी मैटेरियल के लिए जिम्मेदारी दी गयी है. इसको लेकर उन्हें प्रशिक्षण भी कार्यशाला के माध्यम से समय-समय पर दिया जा रहा […]
मुजफ्फरपुर/ पटना. नालंदा खुला विश्वविद्यालय (एनओयू) स्टडी मैटेरियल को अपडेट किया जायेगा. यूजीसी के नए मापदंडों के अनुसार स्टडी मैटेरियल होंगे. इसको लेकर विवि द्वारा तैयारी की जा रही है.
शिक्षकों को नये स्टडी मैटेरियल के लिए जिम्मेदारी दी गयी है. इसको लेकर उन्हें प्रशिक्षण भी कार्यशाला के माध्यम से समय-समय पर दिया जा रहा है. छात्रों की सुविधा के लिए इन स्टडी मैटेरियल को हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में लिखवाने की भी तैयारी विवि में चल रही है.
कई नये कोर्स भी शुरू करने की योजना
विवि द्वारा जो स्टडी मैटेरियल तैयार किया जायेगा, इसमें ध्यान दिया जायेगा कि वह वर्तमान में दूसरे विश्वविद्यालय में पढ़ाये जा रहे सिलेबस को ध्यान में रखते हुए किया जाये. इसके अतिरिक्त कई नये कोर्स भी विवि में शुरू करने की योजना है. नये स्टडी मैटेरियल में सीबीसीएस को भी ध्यान में रखा जा रहा है, क्योंकि अगले वर्ष से सीबीसीएस को ओपन यूनिवर्सिटी में भी लागू करना पड़ सकता है. जल्द ही विवि सेमेस्टर सिस्टम भी लागू करने जा रही है.
इसमें डिजास्टर मैनेजमेंट, एमबीए, डिप्लोमा इन टैक्सेशन लाॅ और बीए इन उर्दू आदि शामिल हैं. इनका भी नया सिलेबस तैयार किया जायेगा. नए सत्र से इसे पढ़ाया जायेगा. इस बार के सिलेबस में शिक्षकों को निर्देश दिये गये हैं कि वे कंप्रीहेंशन पर ध्यान दें. स्टडी मैटेरियल में प्रश्न भी डालने को कहा गया है, ताकि छात्रों को पता हो कि किस प्रकार के प्रश्न परीक्षाओं में पूछे जा सकते हैं. ऑब्जेक्टिव प्रश्न भी देने को कहा गया है. बीच-बीच में भी जहां जरूरी होगा स्टडी मैटेरियल में बदलाव होता रहेगा. इसके अतिरिक्त नये स्टडी मैटेरियल में रेफेरेंस बुक डालने को भी कहा गया है. हालांकि अधिक रेफेरेंस से बचने को कहा गया है.
हम अपने स्टडी मेटेरियल को अपडेट करने जा रहे हैं. शिक्षक व विद्वान जो इसे तैयार करते हैं, उन्हें निर्देश दिया गया है कि वे यूजीसी के मापदंडों को ध्यान में रख कर मैटेरियल अपडेट करें. संभव है कि हमें भी अगले साल तक सीबीसीएस लागू करना पड़े़ इसको लेकर भी हम ध्यान दे रहे हैं.
प्रो रास बिहारी सिंह, कुलपति, नालंदा खुला विवि
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