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प्रभात खबर में छपी खबर का असर

प्रभात खबर में छपी खबर का असर गायघाट, प्रतिनिधिगायघाट में बदहाल जलापूर्ति व्यवस्था की ओर लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण के अधिकारियों की नजर आखिरकार पड़ गयी. प्रभात खबर के आठ जनवरी की अंक में लाखों खर्च के बाद भी नहीं टपका एक बूंद पानी शीर्षक से प्रकाशित खबर के बाद ध्वस्त व्यवस्था को संभालने की दिशा […]

प्रभात खबर में छपी खबर का असर गायघाट, प्रतिनिधिगायघाट में बदहाल जलापूर्ति व्यवस्था की ओर लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण के अधिकारियों की नजर आखिरकार पड़ गयी. प्रभात खबर के आठ जनवरी की अंक में लाखों खर्च के बाद भी नहीं टपका एक बूंद पानी शीर्षक से प्रकाशित खबर के बाद ध्वस्त व्यवस्था को संभालने की दिशा में कार्रवाई शुरु की. बरूआरी के जलमीनार को चालू करने को लेकर विभागीय जेई बड़ा जेनेरेटर लेकर पहुंचे. जलमीनार की टंकी को भरने का काम शुरू हुआ. हालांकि पानी भरते ही टंकी से चारों तरफ से पानी गिरना शुरु हो गया. लगा जैसे झरना से पानी गिर रहा हो. कई जगहों पर पाइप से भी पानी बहने लगा. स्थानीय मुखिया आरती देवी ने कहा कि घटिया टंकी निर्माण की कलई खुल गयी है. अब इसकी पूरी जांच के बाद ही जल मीनार से आपूर्ति शुरु हो. वरना यह धराशायी होकर हादसे की वजह बन सकता है. वहीं जेई चंदेश्वर भारती ने बताया कि पानी भरने का काम रोक कर देखा जा रहा है कि क्या गड़बड़ी है. उसे सुधार कर जल मीनार को चालू किया जायेगा. जेई ने गायघाट व केवट‍्सा स्थित सोलर पंप का भी निरीक्षण किया. उन्होंने कुछ जगहों पर पाइपें क्षतिग्रस्त हाे गयी हैं. उनकी मरम्मत के लिये विभाग को सूचित किया गया है. 1.जलमीनार को चालू करने के लिए आया जेनेरेटर 2 पानी भरने के बाद रिसाव करता टंकीगायघाट, प्रतिनिधिस्थानीय पीएचसी में आने वाले दूर-दराज के गरीब मरीजों को दवा नहीं मिल पाती. उन्हें बताया जाता है कि दवा उपलब्ध नहीं है. लेकिन लाखों रुपये की दवाएं एक्सपायर हो गयी. उन्हें रविवार को जला दिया गया. गौरतलब है कि शनिवार को पीएचसी के टीबी वार्ड के पीछे बड़ी मात्रा में एंटीबायोटिक, विटामिन, कफ सिरप, डायबिटीज जांच किट, प्रिग्नेंसी किट आदि की दवाएं फेंकी हुई थी. कुछ पैकेट सीलबंद थे. पूर्व प्रमुख शिवशंकर राय ने जब दवा को फेंके जाने का मामला उठाया तो रविवार को पीएचसी के स्टाफ ने सबूत को नष्ट करने की नियत से आनन-फानन में दवाएं जला दी. हालांकि इस संबंध में कुछ भी बताने से अस्पताल प्रशासन परहेज कर रहा है.सरकार कई तरह के दवाओं की आपूर्ति करती है ताकि गरीब मरीजों को उपलब्ध हो सके. लेकिन अस्पताल प्रशासन हमेशा दवा की कमी का रोना राेता है. जिला प्रशासन को दवा की आपूर्ति का पत्र देते हैं साथ ही अपने स्तर से भी दवा की खरीददारी करते हैं. लेकिन यह दवा मरीजों को मिलती नहीं है. लेकिन लाखों की दवाएं एक्सपायर्ड हो जाती हैं. मेल पर फोटो 1 दवा जो फेंकी गई थी 2 दवा जिसे जलाकर नष्ट करने का प्रयास किया गया

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