प्रबुद्ध वर्गों ने निकाली थी पुस्तिका शराबबंदी क्यों आचार्य नरेंद्र देव अध्ययन केंद्र ने की थी पहलडॉ राजनारायण राय व अरविंद वरुण ने लिखी थी भूमिकावरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर . शराब बंदी के लिए 2013 में वैचारिक रूप से पहल की गयी थी. शहर के प्रबुद्ध वर्गों ने लोगों में नशापान को रोकने के लिए शराब बंदी क्यों पुस्तिका निकाली थी. जिसमें नशाबंदी पर गांधी जी के विचारों का संकलन किया गया था. पुस्तिका आठ हजार लोगों में वितरित की गयी थी. पुस्तिका की भूमिका लिखने वाले अरविंद वरुण कहते हैं कि उस दौरान शराबबंदी को लेकर महिलाओं का आंदोलन चल रहा था. हमलोगों इसे गंभीरता से लिया. आचार्य नरेंद्र देव अध्ययन केंद्र की पहल पर विश्वविभूति पुस्तकालय व गांधी शांति प्रतिष्ठान की संयुक्त बैठक हुई. जिसमें पुस्तिका निकालने की योजना बनी. प्रो उदयशंकर सिंह ने गांधी जी के नशापान संबंधी विचारों पर 1950 में प्रकाशित पुस्तक निकाली. उसमें से कई अंशों को संशोधित कर पुस्तिका का रूप दिया गया. इसकी भूमिका डॉ राजनारायण राय व मैंने लिखी थी. पुस्तिका के प्रकाशन में शाहिद कमला व कृष्ष्णमोहन पांडेय का सहयोग रहा. इसके प्रकाशन से वैचारिक रूप से लोग नशापान नहीं करने पर संकल्पित हुए.
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प्रबुद्ध वर्गों ने निकाली थी पुस्तिका शराबबंदी क्यों
प्रबुद्ध वर्गों ने निकाली थी पुस्तिका शराबबंदी क्यों आचार्य नरेंद्र देव अध्ययन केंद्र ने की थी पहलडॉ राजनारायण राय व अरविंद वरुण ने लिखी थी भूमिकावरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर . शराब बंदी के लिए 2013 में वैचारिक रूप से पहल की गयी थी. शहर के प्रबुद्ध वर्गों ने लोगों में नशापान को रोकने के लिए शराब […]
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