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विभाग के खजाने में रखा रहा पैसा, शक्षिकों की जेब खाली

मुजफ्फरपुर: बिहार शिक्षा परियोजना राज्य कार्यालय से शिक्षकों के वेतन के लिए जिले को आवंटित 34 करोड़ रुपये शिक्षा विभाग के खजाने की शोभा बढ़ा रहे हैं, दशहरा जैसे प्रमुख पर्व पर भी शिक्षकों की जेब खाली ही है. महीनों से वेतन भुगतान की आस में बैठे शिक्षकों को दुर्गा पूजा में वेतन मिलने की […]

मुजफ्फरपुर: बिहार शिक्षा परियोजना राज्य कार्यालय से शिक्षकों के वेतन के लिए जिले को आवंटित 34 करोड़ रुपये शिक्षा विभाग के खजाने की शोभा बढ़ा रहे हैं, दशहरा जैसे प्रमुख पर्व पर भी शिक्षकों की जेब खाली ही है. महीनों से वेतन भुगतान की आस में बैठे शिक्षकों को दुर्गा पूजा में वेतन मिलने की उम्मीद थी, लेकिन विभागीय पेच में पूरा मामला ही उलझ कर रह गया है.

ऐसे में सैकड़ों शिक्षकों को परिवार के लिए रोटी का जुगाड़ भी मुश्किल हो गया है, फिर दशहरा मनाने का तो ख्याल भी मन में नहीं आ रहा. जिले के करीब 15 हजार नियोजित शिक्षकों को जून से ही वेतन नहीं मिला है, तो सैकड़ों शिक्षक ऐसे भी है जिनका मई से वेतन बकाया है. राज्य सरकार ने जुलाई से नया वेतनमान देने की घोषणा की तो शिक्षकों को यह उम्मीद जगी थी कि उनका दशहरा व दीवाली शानदार होगा. सरकार का दावा भी था कि दशहरा से पहले नया वेतनमान दे देना है.

हालांकि जब वेतन निर्धारण में पेंच उलझने लगा तो यह उम्मीद थी कि कम से कम जून का वेतन मिल जाएगा, जिससे पर्व ठीक से मनाया जा सके. लेकिन यह भी संभव नहीं हो सका. हद तो यह है कि पिछले सप्ताह ही बिहार शिक्षा परियोजना परिषद, पटना से शिक्षक वेतन मद में राशि उपलब्ध करा दी थी.

13 अक्तूबर को ही बीइपी कार्यालय से 34 करोड़ रुपये डीपीओ स्थापना कार्यालय को उपलब्ध करा दिये गये. इसमें पंचायत, प्रखंड व नगर शिक्षकों के लिए 27 करोड़ व उत्क्रमित मध्य विद्यालयों में पदस्थापित शिक्षक, प्रधान शिक्षक व स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों के लिए सात करोड़ रुपये दिये गये हैं.

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