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विज्ञापन शुल्क वसूलने में निगम की दोहरी नीति
मुजफ्फरपुर: नगर निगम विज्ञापन शुल्क वसूलने को लेकर दोहरी नीति अपना रहा है. इस कारण निगम को प्रत्येक माह लाखों रुपये का नुकसान पहुंच रहा है. नये नगर आयुक्त रमेश प्रसाद रंजन ने एक ओर राजस्व वसूली का जो लक्ष्य है, उसे पूरा करने के लिए वसूली शाखा से जुड़े तमाम कर्मचारियों पर लगातार प्रशासनिक […]
मुजफ्फरपुर: नगर निगम विज्ञापन शुल्क वसूलने को लेकर दोहरी नीति अपना रहा है. इस कारण निगम को प्रत्येक माह लाखों रुपये का नुकसान पहुंच रहा है. नये नगर आयुक्त रमेश प्रसाद रंजन ने एक ओर राजस्व वसूली का जो लक्ष्य है, उसे पूरा करने के लिए वसूली शाखा से जुड़े तमाम कर्मचारियों पर लगातार प्रशासनिक दबाब बना रहे हैं. उन्हें तय समय-सीमा के अंदर वसूली के लक्ष्य को पूरा करने को कहा जा रहा है. दूसरी ओर, नगर आयुक्त ने एक पत्र जारी कर वसूली कार्य में लगे कर्मचारियों को शुल्क लेने पर रोक लगा दी है.
इससे निगम में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हैं. नगर निगम कामगार यनियन इसके खिलाफ मोरचा खोल दिया है. यूनियन के नेता रामेश्वर राय ने कहा कि विज्ञापन शाखा में फिर से लूट-खसोट शुरू हो गया है. तत्कालीन नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा ने इस पर रोक लगायी थी.
इसके बाद निगम का इनकम करोड़ों में पहुंच गया था. कर्मचारियों को छठा वेतनमान भी मिला, लेकिन नये नगर आयुक्त खास लोगों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से घालमेल ऑर्डर जारी कर निगम के राजस्व वसूली को नुकसान पहुंचा रहे हैं जो ठीक नहीं है. इसके खिलाफ वे अब चुप नहीं बैठेंगे.
केबल कंपनी ने लगाया 22 लाख का चूना. शहर में पटना की एक एजेंसी मोबाइल केबल तार बिछाने का काम कर रही है. कंपनी को नगर निगम से अनुमति नहीं है. तत्कालीन नगर आयुक्त खुद छापेमारी कर ब्रह्मपुरा इलाके से कंपनी की गाड़ी को जब्त कर पुलिस के हवाले कर दिया था. इसके बाद कंपनी ने दो लाख रुपये जमा किये. शेष 22 लाख रुपये जमा करने का वादा किया था, लेकिन कंपनी ने आज तक शेष राशि जमा नहीं की है. उलटे दोबारा पूरे शहर में निगम से अनुमति बगैर केबुल तार बिछा रही है, लेकिन उसे रोकने-टोकने वाला कोई नहीं है. बताया जा रहा है कि कंपनी ने पूरे शहर में केबल बिछा निगम को डेढ़ करोड़ रुपये राजस्व का नुकसान पहुंचाया है.
स्मार्ट सिटी के लिए होगा अपना सेल
स्मार्ट सिटी को लेकर नगर निगम में एक सेल बनेगा. इसमें स्मार्ट सिटी से जुड़े तमाम कार्यों की समीक्षा कर निबटारा होंगे. सेल में नगर आयुक्त के साथ-साथ निगम के कार्यपालक अभियंता, नगर प्रबंधक, सामान्य शाखा प्रभारी, वरीय टैक्स दारोगा आदि शामिल होंगे. नगर विकास एवं आवास विभाग एवं क्रेद सरकार से स्मार्ट सिटी को लेकर जो भी गाइड लाइन आयेगा, सभी कार्य स्मार्ट सिटी सेल में शामिल अधिकारी व कर्मचारी को कराने की जवाबदेही होगी.
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