10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

1934 के भूकंप में दफन हो गयी थी पुरानी बागमती नदी

भूकंप जोड़, फोटो दीपक फोल्डर में नाम से ——————————– मुजफ्फरपुर व मंुगेर में हुई थी भारी तबाहीसंवाददाता, मुजफ्फरपुर स्वतंत्रता सेनानी राम संजीवन ठाकुर ने बताया कि 1934 में आये भूकंप से जो तबाही मची थी, उसके मुकाबले शनिवार को आया भूकंप कुछ भी नहीं था. झटका तेज था, मैं खाने खाने बैठा ही था कि […]

भूकंप जोड़, फोटो दीपक फोल्डर में नाम से ——————————– मुजफ्फरपुर व मंुगेर में हुई थी भारी तबाहीसंवाददाता, मुजफ्फरपुर स्वतंत्रता सेनानी राम संजीवन ठाकुर ने बताया कि 1934 में आये भूकंप से जो तबाही मची थी, उसके मुकाबले शनिवार को आया भूकंप कुछ भी नहीं था. झटका तेज था, मैं खाने खाने बैठा ही था कि अचानक घर के लोगों ने शोर मचाया कि भूकंप आया. इसके बाद सभी लोग घर से बाहर कैंपस में आ गये. कुछ देर के बाद फिर हम सभी लोग घर में गये. श्री ठाकुर ने बताया कि 1934 में भूकंप आया था तो उस वक्त मेरी उम्र करीब 12 वर्ष थी. मैं बोचहां प्रखंड स्थित बुधौली अपने गांव में गन्ने के खेत में था. गन्ना कटाई चल रही थी और हमलोग वहीं खड़े थे. अचानक आसमान के गरजने और धरती से अजीब सी आवाज आ रही थी. देखते ही देखते कुछ दूरी पर धरती फटी और उसमें से पांच से छह मीटर ऊंचा पानी का फव्वारा निकलने लगा. सब लोग इधर-उधर भाग रहे थे. खेत से कुछ दूरी पर पुरानी बागमती नदी थी, उसके पानी में काफी उछाल आ रहा था. सब लोग इधर-उधर भाग रहे थे. कई मकान गिर गये, कई मवेशी जमीन व बागमती में समा गये. इस भूकंप के कारण खेत की मिट्टी नीचे चली गयी. जहां-जहां धरती से पानी निकला, वहां बालू ऊपर आ गया. उसी दौरान पुरानी बागमती समाप्त हो गयी. उस भूकंप में मुजफ्फरपुर व मुंगेर में सबसे अधिक क्षति पहुंची थी. 1934 में शहर पुरानी बाजार इलाके में स्थित था और यहां भी चारों ओर तबाही का मंजर था. उस वक्त देश के सभी बड़े नेता क्षतिपूर्ति देखने पहुंचे थे. संसाधनों की कमी थी लेकिन सभी लोग खुद से एक-दूसरे की मदद में जुटे हुए थे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें