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हाइपरटेंशन का मरीज बन रहे शहरवासी

मुजफ्फरपुर: शहर के लोगों के लिए हाइपरटेंशन एक प्रमुख समस्या बन गयी है. इन दिनों इस बीमारी का बढ़ता आंकड़ा डॉक्टरों को भी हैरान कर रहा है. पिछले तीन महीने में सिर्फ सदर अस्पताल में 1605 मरीजों में इस बीमारी के लक्षण पाये गये. निजी क्लिनिकों में आने वाले मरीजों की संख्या भी बड़ी है. […]

मुजफ्फरपुर: शहर के लोगों के लिए हाइपरटेंशन एक प्रमुख समस्या बन गयी है. इन दिनों इस बीमारी का बढ़ता आंकड़ा डॉक्टरों को भी हैरान कर रहा है. पिछले तीन महीने में सिर्फ सदर अस्पताल में 1605 मरीजों में इस बीमारी के लक्षण पाये गये. निजी क्लिनिकों में आने वाले मरीजों की संख्या भी बड़ी है. सदर अस्पताल में अन्य बीमारियों की जांच कराने आये मरीजों का जब ब्लड प्रेशर चेक कर लक्षणों से मिलान किया गया तो सभी हाइपरटेंशन से ग्रस्त पाये गये. सैकड़ों लोगों को तो यह पता ही नहीं था कि उन्हें इस बीमारी ने गिरफ्त में ले लिया है.

साइलेंट किलर नाम की यह बीमारी जब शरीर में अपना घर बना लेती है तो लोग असहज महसूस करते हैं. डॉक्टरों का कहना है कि लोगों को पता नहीं होता कि उन्हें हाइपरटेंशन है. वे थकान व घबराहट की शिकायत लेकर पहुंचते हैं. जांच के बाद पता चलता है कि उन्हें हाइपरटेंशन है.

विशेषज्ञ इसका कारण अनियंत्रित जीवन शैली व तनाव मानते हैं. सामान्य रूप से यह बीमारी 40 से अधिक उम्र के लोगों को होती है. लेकिन, तनाव भरी जिंदगी के कारण 20 फीसदी युवा भी इसका शिकार बन रहे हैं.

सामान्य ब्लड प्रेशर का मानक
सामान्य तौर पर 120/80 ब्लड प्रेशर नॉर्मल माना जाता है. जब 139/89 तक पहुंचता है तो यह खतरे की घंटी है. ऐसे समय में व्यक्ति को सतर्क होने की जरूरत होती है. यदि इस समय डॉक्टर के परामर्श के अनुसार जीवन शैली में बदलाव कर लिया जाये तो इससे बचा जा सकता है. जब यह मानक 140/90 तक पहुंच जाता है तो व्यक्ति हाइपरटेंशन का मरीज माना जाता है. इस बीमारी का कोई इलाज भी नहीं है. एक बार व्यक्ति को यह रोग लग जाये तो उसे जीवन भर दवा खानी होती है.

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