मुजफ्फरपुर: एइएस से पीड़ित बच्चों का इलाज प्रखंड के पीएचसी में ही किया जायेगा. पीएचसी से वैसे ही बच्चे एसकेएमसीएच या केजरीवाल अस्पताल रेफर किये जायेंगे, जो सीरियस होंगे. पीएचसी में इलाज के बाद बच्चों की स्थिति में सुधार होने पर उसे दूसरी जगह रेफर नहीं करना है.
गांव में यदि कोई बच्च बीमार होता है तो उसे सबसे पहले एपीएचसी भेजा जायेगा. यहां प्राथमिक चिकित्सा के बाद उसे पीएचसी भेज दिया जायेगा. यह निर्देश स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्र ने सोमवार को एइएस की राज्य स्तरीय कार्यशाला में दिया. उन्होंने कहा गांव से कोई भी बच्चा सीधे शहर के अस्पताल में पहुंचा तो जिम्मेवार पीएचसी के नोडल पदाधिकारी को माना जायेगा.
होटल पार्क में आयोजित कार्यशाला में उन्होंने तिरहुत प्रमंडल के सभी जिलों के सीएस से पिछले वर्ष पीएचसी में इलाज किये गये बच्चों की संख्या व मृत्यु दर का आंकड़ा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि बच्चों के इलाज में जिस पीएचसी का रिकॉर्ड अच्छा होगा. उसे पुरस्कृत किया जायेगा. उन्होंने सभी सीएस को कहा कि वे प्रखंडों में जागरूकता ऐसी चलाये, जिससे ग्रामीण शहर के बजाय पीएचसी में इलाज के लिए पहुंचे. गांव में बीमार हुए बच्चों की पहचान के लिए उन्होंने एपीएचसी स्तर से मानटरिंग का भी निर्देश दिया.