13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

चार साल में भी नहीं सुलझी हत्या की गुत्थी

मुजफ्फरपुर : उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के कैशियर अरुण कुमार ठाकुर की हत्या चार साल पूर्व हुई थी. इसकी गुत्थी आज तक पुलिस नहीं सुलझा सकी. पुलिस ने कोर्ट में पेश रिपोर्ट में हत्या की बात स्वीकार की है. लेकिन हत्या किसने की, किस कारण से की इसे स्पष्ठ नहीं कर पाई है. इसे पुलिस […]

मुजफ्फरपुर : उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के कैशियर अरुण कुमार ठाकुर की हत्या चार साल पूर्व हुई थी. इसकी गुत्थी आज तक पुलिस नहीं सुलझा सकी. पुलिस ने कोर्ट में पेश रिपोर्ट में हत्या की बात स्वीकार की है. लेकिन हत्या किसने की, किस कारण से की इसे स्पष्ठ नहीं कर पाई है.

इसे पुलिस की शिथिलता ही कही जायेगी. कैशियर की पत्नी रेणु कुमारी ने पति के हत्यारों को पकड़वाने के लिए करीब आठ माह पूर्व दो बार एसएसपी के जनता दरबार में आवेदन दिया. दोनों बार उन्हें एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई का आश्वासन मिला. लेकिन अब तक ना तो हत्या का कारण पता चला और ही हत्यारे का पता चला.

इतना ही नहीं रेणु देवी को पुलिस रिपोर्ट नहीं मिलने के कारण बैंक में उनके नाम पर जमा राशि, एलआइसी अन्य आर्थिक लाभ नहीं मिला. इस कारण इन्हें आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ा. दो अगस्त 2013 को इन्हें कोर्ट से पुलिस की रिपोर्ट मिली. इससे वह वित्तीय सेवा का लाभ ले सकेंगी. इन सबके बावजूद आज भी इन सवालों का जवाब नहीं मिला कि पति को किसने और क्यों मारा. बेटी अमृता ने कहा कि पुलिस से भरोसा उठ चुका है, इनके पिता की हत्या एक राज बन कर रह जायेगी. हत्या की गुत्थी पहले की तरह फाइलों में दब कर रह जायेगी.

* कब हुई थी घटना

कटरा थाना क्षेत्र के यजुआर स्थित उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक में कार्यरत कैशियर अरुण कुमार ठाकुर की 14 मई 2009 को हत्या हुई थी. घटना की जानकारी लोगों को अगले दिन हुई जब शाखा प्रबंधक कमरुल ओला बैंक खोलने पहुंचे. उन्होंने देखा कि कैशियर साहब 10:30 बजे तक नहीं आये हैं, तो उन्हें आश्चर्य हुआ. कैशियर बैंक परिसर के पास वाले मकाने में रहते थे और बैंक की चाबी उन्हीं के पास रहती थी. जब वह कैशियर के घर पर पहुंचे तो देखा वहां कमरे के बाहर ताला लटका है. वह आसपास के लोग से उनके बारे में पूछताछ करने लगे.

इसी दौरान काटने वाली एक महिला ने बताया कि उनके कमरे से धुआं निकल रहा है. जब कमरुल ने खिड़की से झांका तो आश्चर्य में पड़ गये. उन्हें अरुण कुमार का केवल पैर दिखाई दे रहा था, पूरा शरीर रजाई में लिपटा था और आग सुलग रही थी. इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई. पुलिस ने लाश को कब्जे में लेकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.

शाखा प्रबंधक कमरुल ओला ने अज्ञात के खिलाफ कटरा थाना में प्राथमिकी कांड संख्या 72/09 दर्ज करायी. वहां के ग्रामीण भी उनके व्यवहार से काफी खुश थे, इसलिए किसी से दुश्मनी की बात भी सामने नहीं आइ. इसको लेकर ग्रामीण बैंक यूनियन सदस्यों द्वारा धरनाप्रदर्शन हुआ लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला.

* 14 मई 2009 को हुई थी अरुण कुमार की हत्या

* मांबेटी का पुलिस से उठ चुका है भरोसा, पत्नी ने दो बार एसएसपी को दिया आवेदन

– पुलिस की ओर से मिला केवल आश्वासन

* एक बंद कमरे में रजाई में

* जलता हुआ मिला था शव

* पुलिस ने कोर्ट में हत्या की बात स्वीकारी, लेकिन साक्ष्य के अभाव में अनुसंधान रोका

* साक्ष्य मिलने पर पुन: अनुसंधान शुरू किया जाएगा

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें