इसके पढ़ने से आत्मा व परमात्मा का पूर्ण ज्ञान होता है. स्कूल-कॉलेज की पढ़ाई तो पेट भरने की शिक्षा देती है. उसे पढ़ना हमारी मजबूरी है.
मनुष्य जीवन की मुख्य समस्या जन्म मृत्यु व व्याधि है. हम मरना नहीं चाहते हैं किंतु प्रकृति के नियम अनुसार जो जन्मा है, उसे एक दिन मरना ही पड़ता है. हम रोग से पीड़ित होना नहीं चाहते, किंतु अनेक पकार के रोग से आक्रांत हो जाते हैं. हम इन सबका समाधान चाहते हैं तो हमें भागवत के शरण में जाना होगा. अमेरिका के विश्वविद्यालय में गीता पाठय़क्रम में शामिल किया गया. लेकिन हमारा दुर्भाग्य है कि यहां किसी विश्वविद्यालय में इसकी पढ़ाई नहीं होती, कार्यक्रम में आयोजक शंभु पांडेय, लीला पांडेय, विमला देवी, प्रभा सिन्हा, रमाकांत शर्मा, मनु चौधरी व डॉ शंकर ऋषि प्रमुख तौर पर मौजूद थे.