मुजफ्फरपुर : मशरक में 23 बच्चों की मौत के बाद स्कूलों में मध्याह्न् भोजन करने वाले छात्रों में कमी आ गयी है. अब बच्चे अपने घर से ही लंच बॉक्स लाने लगे हैं. हालांकि, स्कूल के प्राचार्यो ने अब बच्चों को विश्वास में लेने के लिये खुद भी उनके साथ मिड डे माल खाना शुरू कर दिया है. बावजूद बच्चे इससे कतरा रहे हैं. अभिभावक भी अपने बच्चों को मध्याह्न् भोजन करने से मनाही कर रहे हैं.
शनिवार को राजकीय मध्य विद्यालय लक्ष्मी चौक में स्कूल के प्राचार्य ने भोजन बनने के बाद पहले खुद खाया. इसके बाद बच्चों को खाने के लिये आग्रह किया, लेकिन स्कूल के 40 प्रतिशत बच्चों ने ही भोजन किया. स्कूल के प्राचार्य कामेश्वर शर्मा ने कहा कि बच्चे भोजन लेने से कतराने लगे हैं. उन्होंने कहा कि पिछले चार दिनों में केवल 40 फीसदी बच्चों ने ही मध्याह्न् भोजन ग्रहण किया. 60 प्रतिशत बच्चे अपने घर से लाये लंच ही करते हैं.
* भोजन के समय अभिभावक आते हैं स्कूल
अभिभावक अब मध्याह्न् भोजन के समय स्कूल में पहुंचने लगे है. उन्हें लगता है कि प्राचार्य कहीं उनके बच्चों को भोजन न करा दें. शनिवार को मध्याह्न् भोजन के समय में मध्य विद्यालय ब्रह्मपुरा, मध्य विद्यालय नुनफर, मध्य विद्यालय दाउदपुर कोठी में दर्जनों अभिभावकों को देखा गया. इनका कहना था कि वह मिड डे मील खिला कर अपने बच्चों का जान गंवाना नहीं चाहते. हालांकि स्कूल के शिक्षकों का कहना था कि अब वह बच्चों को खिलाने से पहले खुद ही खाते हैं.
* कम ही बनता है मध्याह्न् भोजन
पहले की तुलना में मध्याह्न् भोजन की मात्र में भी कमी देखने को मिल रही है. पहले जहां एक स्कूल में चार से पांच किलो चावल पकाया जाता था. वहीं अब दो से तीन किलो ही चावल बनता है. जिला शिक्षा पदाधिकारी भी इस बात को स्वीकार करते हैं.
डीइओ केके शर्मा ने कहा कि बच्चों को भोजन करने के लिये प्रेरित किया जा रहा है. स्कूल के प्राचार्य उन्हें विश्वास दिलाने में लगे है कि जो खाना जहरीला नहीं है. साफ-सफाई के बाद ही भोजन तैयार किया जा रहा है.
* स्कूल में बने मिड डे मील खाने से कतराने लगे हैं बच्चे
* अभिभावक भी अपने बच्चों को खाने से कर रहे मना
* स्कूल में 40 प्रतिशत बच्चों ने ही ग्रहण किया भोजन