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समन्वयवादी विचारों के प्रतिमूर्ति थे डॉ ललित बाबू

फोटो :: माधव- एलएन मिश्रा कॉलेज ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट में बलिदान दिवस का आयोजन- शिक्षकों, कर्मचारियों व छात्रों ने दी श्रद्धांजलि संवाददाता, मुजफ्फरपुरस्वर्गीय ललित नारायण मिश्र समन्वयवादी विचारों की प्रतिमूर्ति थे. उनकी वाणी एवं चिंतनधारा में मानवीय मूल्यों पर आधारित आध्यात्मिक परंपरा का आभाष मिलता था. हालांकि वे लोकहित कठोर-से-कठोर निर्णय लेने में भी नहीं […]

फोटो :: माधव- एलएन मिश्रा कॉलेज ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट में बलिदान दिवस का आयोजन- शिक्षकों, कर्मचारियों व छात्रों ने दी श्रद्धांजलि संवाददाता, मुजफ्फरपुरस्वर्गीय ललित नारायण मिश्र समन्वयवादी विचारों की प्रतिमूर्ति थे. उनकी वाणी एवं चिंतनधारा में मानवीय मूल्यों पर आधारित आध्यात्मिक परंपरा का आभाष मिलता था. हालांकि वे लोकहित कठोर-से-कठोर निर्णय लेने में भी नहीं हिचकते थे. कोई भी बाधा उन्हें अपने कर्तव्य पथ से विमुख नहीं कर सकी. यह बातें एलएन मिश्रा कॉलेज ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट के प्रभारी प्राध्यापक डॉ श्याम आनंद झा ने कही. वे शनिवार को कॉलेज में स्वर्गीय ललित बाबू के बलिदान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा, ललित बाबू जन सहयोग से योजनाओं के संपादन के हिमायती थे. यह उनकी कल्पनाशक्ति व पीडि़त मानव के दु:ख-दर्द के प्रति संवेदना ही थी, जिसके कारण उन्होंने विनाशकारी कोशी नदी पर नियंत्रण के लिए प्रयास शुरू किया. बिहार के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए भी उन्होंने काफी प्रयास किया. उन्होंने कई योजनाएं भी बनायी, जिसमें कई तो पूरे हुए, जबकि कई उनकी हत्या के कारण अधूरे रह गये. मिथिला की चित्रकला व मधुबनी पेंटिंग के प्रचार-प्रसार के लिए भी उन्होंने काफी काम किया. कुलसचिव डॉ कुमार शरतेंदु शेखर ने कॉलेज की स्थापना को स्वर्गीय मिश्र की दूरदर्शिता का ही परिणाम बताया. उन्होंने कहा, यह उनकी ही प्रेरणा थी कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ जगन्नाथ मिश्र ने इसकी स्थापना की. मौके पर कॉलेज के सभी शिक्षक, कर्मचारी व दर्जनों छात्र मौजूद थे.

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