मुजफ्फरपुर: कर दाता एडवांस टैक्स जमा नहीं करते हैं तो विभाग उनके खिलाफ सर्वे करायेगा. एडवांस टैक्स समय पर जमा नहीं कर बाद में टैक्स देने वाले व्यक्ति विभाग के लिए शंका उत्पन्न करते हैं.
ऐसे कर दाताओं पर खास नजर रखने का निर्देश दिया गया है. यह बातें आयकर विभाग के मुख्य आयुक्त केसी जैन ने गुरुवार को व्यवसायियों को संबोधित करते हुए कही. वे चैंबर ऑफ कॉमर्स में व्यवसायियों को विभाग की नीतियों से अवगत कराने आये थे. उन्होंने कहा कि व्यवसाय का ग्रोथ बढ़ने के बाद भी विभाग को अपेक्षाकृत कम टैक्स प्राप्त हो रहा है.
कर दाता टैक्स जमा करते हैं, लेकिन रिफंड ज्यादा ले रहे हैं. इससे विभाग को चूना लग रहा है. ऐसे कर दाताओं के खिलाफ भी सर्वे कराया जा रहा है. बिहार व झारखंड में सूची बना कर यह काम शुरू कर दिया गया है. श्री जैन ने कहा कि यदि आप र्टिन में बैंकों के ट्रांजेक्शन, प्रोपर्टी, शेयर का सही विवरण भरते हैं तो विभाग को कोई परेशानी नहीं होती. लेकिन ऐसे लोगों की संख्या बढ़ी है, जो गलत विवरण भरते हैं. बाद में जब जांच होती है तो कहते हैं कि गलती हो गयी. बाद में इन्हें पेनाल्टी भी चुकानी पड़ती है. श्री जैन ने कहा कि ऐसे व्यवसायी जो इस वर्ष से सही र्टिन भर रहे हों, विभाग उनका पिछला हिसाब नहीं देखेगी, लेकिन गड़बड़ी पाये जाने पर पुराना हिसाब भी लिया जायेगा. चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष मोतीलाल छापड़िया ने जानकारी देने के लिए श्री जैन का धन्यवाद ज्ञापन किया. इस मौके पर आयकर कमिश्नर एस गुहा, आइटीओ कौशल कुमार व अजय चौधरी, आयकर कमेटी के चेयरमैन राजकुमार केडिया, कैलाशनाथ भरतीया, पवन कुमार बंका, रामावतार नाथानी सहित कई लोग मौजूद थे.
अभियान चला कर विभाग करा रहा सर्वे
आयकर विभाग 22 फीसदी ग्रोथ रेट तय कर राजस्व संग्रह कर रहा है, लेकिन अभी यह 14 फीसदी तक ही पहुंचा है. व्यवसाय के ग्रोथ रेट में वृद्धि के बावजूद हमें अपेक्षाकृत टैक्स नहीं मिल रहा है. यह बातें मुख्य आयकर आयुक्त केसी जैन ने पत्रकारों से बातचीत में कही. उन्होंने कहा कि बिहार व झारखंड में बोगस परचेज, शेयर प्रीमियम व अधिक रिफंड लेने से विभाग को लक्ष्य वसूली में कठिनाई आ रही है. इसके लिए विभाग की ओर से बिहार व झारखंड में अभियान चला कर सर्वे किया जा रहा है. खासकर कांट्रेक्टर, कमीशन एजेंट, रियल स्टेट के कारोबारी पर विभाग की विशेष नजर है. श्री जैन ने कहा कि बिहार में ईंट भट्टा मिलों से भी टैक्स वसूली कम हो रही है. अधिकारियों को इसका सर्वे का निर्देश दिया गया है.