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मुजफ्फरपुर : AES से अब तक 109 बच्चों की मौत, दिल्ली में प्रदर्शन, CM नीतीश का इस्तीफा मांगा

मुजफ्फरपुर/नयीदिल्ली : बिहार में एक्यूट इन्सेफ्लाइटिस सिंड्रोम (एईएस), जिसे चमकी बुखार कहा जा रहा है, से मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर अब 109 हो गयी है. मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन डॉ. शैलेश प्रसाद ने बताया कि मंगलवार देर शाम तक एईएस (चमकी बुखार) से मरने वाले बच्चों की संख्या 109 हो गयी है, जिनमें […]

मुजफ्फरपुर/नयीदिल्ली : बिहार में एक्यूट इन्सेफ्लाइटिस सिंड्रोम (एईएस), जिसे चमकी बुखार कहा जा रहा है, से मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर अब 109 हो गयी है. मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन डॉ. शैलेश प्रसाद ने बताया कि मंगलवार देर शाम तक एईएस (चमकी बुखार) से मरने वाले बच्चों की संख्या 109 हो गयी है, जिनमें से श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एसकेएमसीएच) में 90 बच्चों और केजरीवाल अस्पताल में 19 बच्चों की मौत हो गयी है.

उन्होंने बताया कि इस रोग की चपेट में आये 162 बच्चे अभी भी इलाजरत हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को एसकेएमसीएच पहुंच कर हालात का जायजा लिया और अधिकारियों और चिकित्सकों के साथ बैठक की तथा कई आवश्यक निर्देश दिये.

बिहार भवन के बाहर प्रदर्शन, मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांगा

नयी दिल्ली : बिहार में ‘एक्यूट एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम’ (एईएस) से 100 से ज्यादा बच्चों की मौत होने के मद्देनजर विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में स्थित बिहार भवन के बाहर प्रदर्शन किया और राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का इस्तीफा मांगा. प्रदर्शनकारियों ने केंद्र और बिहार सरकारों पर बीमारी के प्रकोप को रोकने में गंभीर नहीं होने का आरोप लगाया और कहा कि राज्य में स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्था बिगड़ गयी है.

कई प्रदर्शनकारियों ने तख्तियां पकड़ी हुई थी जिन पर प्रभावित परिवारों को उचित मुआवजा देने की मांग की गयी है. अन्य तख्तियों पर लिखा था कि नीतीश कुमार और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे इस्तीफा दें. कई महिला कार्यकर्ताओं ने चाणक्यपुरी में स्थित बिहार भवन के बाहर कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारेबाजी की.नीतीश कुमार को कभी ‘सुशासन बाबू’ कहा जाता था. बहरहाल, प्रदर्शनकारियों ने बाद में नयी दिल्ली में बिहार के रेजिडेंट आयुक्त को एक ज्ञापन सौंपा. यह ज्ञापन कुमार के नाम पर था.

ज्ञापन में कहा गया है, ‘‘ हम व्यथित हैं और सरकार से अनुरोध करते हैं कि मरीजों को पर्याप्त चिकित्सकीय सुविधाएं मुहैया कराएं, खासतौर पर मुजफ्फरपुर में.’ उन्होंने एईएस के प्रकोप पर व्यापक अध्ययन की मांग की. प्रदर्शनकारियों में ऑल इंडिया विमेंस एसोसिएशन (एआईडीडब्ल्यूए), सेंटर ऑफ इंडिया ट्रेड यूनियंस, दलित शोषण मुक्ति मंच, डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया और स्टूडे्ंस फेडरेशन ऑफ इंडिया के सदस्यों ने हिस्सा लिया.

एआईडीडब्ल्यूए की महासचिव मरियम धावले ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री ने मंगलवार को मुजफ्फरपुर का दौरा किया जबकि बच्चों के मरने की खबरें कई दिनों पहले से आ रही थी. उन्होंने कहा, ‘‘ यह शर्मनाक है और उन्हें इस्तीफा देना चाहिए. बिहार के स्वास्थ्य मंत्री स्थिति से निपटने में अक्षम हैं, उन्हें भी त्याग पत्र देना चाहिए.’ उन्होंने इन मौतों को ‘संस्थागत हत्या’ के तौर पर देखने को कहा.

ये भी पढ़ें…बिहार में लू लगने से अब तक 83 लोगों की मौत, 21-22 जून को अच्छी बारिश की संभावना

Prabhat Khabar Digital Desk
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