- र्ड फ्लू का खतरा बढ़ा
- डॉक्टरों ने चिकन व अंडा खाने वाले लोगों को किया सावधान
- मुंगेर व पटना में ताबड़तोड़ हुए पक्षियों की मौत के बाद शहर में भी बर्ड फ्लू का
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बर्ड फ्लू का डर. नये साल के लिए ऑर्डर दे चुके कारोबारियों को सता रही चिंता, मुर्गे की खपत हुई कम, दाम भी गिरा
मुजफ्फरपुर :पक्षियों में बर्ड फ्लू फैलने की खबर के बाद शहर के मुर्गा कारोबार पर असर दिखना शुरू हो गया है. बुधवार को शहर के मुर्गा बाजार में रोज की अपेक्षा ग्राहकों की भीड़ कम रही. सुबह से दोपहर तक कारोबार में 100 किलो चिकेन बेचने वाले दुकानदारों का कारोबार 60 से 70 किलो तक […]
मुजफ्फरपुर :पक्षियों में बर्ड फ्लू फैलने की खबर के बाद शहर के मुर्गा कारोबार पर असर दिखना शुरू हो गया है. बुधवार को शहर के मुर्गा बाजार में रोज की अपेक्षा ग्राहकों की भीड़ कम रही. सुबह से दोपहर तक कारोबार में 100 किलो चिकेन बेचने वाले दुकानदारों का कारोबार 60 से 70 किलो तक सिमट गया. कई दुकानदारों ने फिलहाल दस रुपये प्रति किलो घटा कर 140 रुपये चिकेन कर दिया.
दुकानदारों की असली चिंता नये साल को लेकर है. जश्न से पहले पहले बीमारी की शुरुआत होने से मुर्गा कारोबारी परेशानी में हैं. नये साल पर चिकेन की खपत का आकलन कर अधिकतर कारोबारियों ने पॉल्ट्री फॉर्म में ऑर्डर दिया था, लेकिन बर्ड फ्लू के फैलने से ये पेशोपेश में हैं. शहर के चंदवारा इलाके के चिकेन विक्रेता मो शमशाद ने बताया कि चिकेन की खपत में थोड़ा अंतर आया है, लेकिन दो-तीन दिनों में बाजार सामान्य हो जायेगा.
हालांकि, कई दुकानदार अभी कुछ भी बताने से परहेज कर रहे हैं. बीमारी की खबर के बाद चिकन कारोबारी अब उतना ही मुर्गा खरीद रहे हैं, जितना वे बेच सके. पहले की तरह वे स्टॉक करने से बच रहे हैं. छोटे व बड़े मुर्गे की मांग के अनुसार ही उसकी खरीद की जा रही है. चिकेन कारोबारी आरिफ ने बताया कि बर्ड फ्लू के बारे में अभी सब लोगों को जानकारी नहीं है, लेकिन बीमारी नियंत्रण में नहीं आयी तो कारोबार पर काफी असर पड़ेगा.
खतरा बढ़ता जा रहा है. अब तक पटना जू में 6 मोरों की मौत हो चुकी है. कहीं फिर से वायरस पॉजिटिव नहीं मिल जाये इसके लिए डॉक्टरों ने चिकन और अंडों पर हेल्थ एडवाइजरी जारी की है. सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार झा ने बताया कि चिकन और अंडे अधपका न खायें. साथ ही कई अन्य सुझाव भी दिये हैं.
मुंगेर व पटना में ताबड़तोड़ हुए पक्षियों की मौत के बाद शहर में भी बर्ड फ्लू का
खतरा बढ़ता जा रहा है. अब तक पटना जू में 6 मोरों की मौत हो चुकी है. कहीं फिर से वायरस पॉजिटिव नहीं मिल जाये इसके लिए डॉक्टरों ने चिकन और अंडों पर हेल्थ एडवाइजरी जारी की है. सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार झा ने बताया कि चिकन और अंडे अधपका न खायें. साथ ही कई अन्य सुझाव भी दिये हैं.
इस तरह से खाएं चिकन
पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ राजीव रंजन प्रसाद ने बताया कि अच्छी तरह से पके हुए चिकन या पोल्ट्री के पक्षी के अच्छी तरह से पके हुए मांस का सेवन करने में कोई खतरा नहीं है. उन्होंने कहा कि आधा पका हुआ चिकन या आधा पका हुआ अथवा कच्चा अंडा खाने से बचें. पका चिकन खाने से खतरा नहीं है, यह अच्छी तरह से प्रेशर कुकर में 25 से 30 मिनट पका हुआ होना चाहिए.
सात महीने पहले
केंद्र की चेतावनी पर अफसरों ने बंद कर ली थी आंख
मुंगेर जिले के असरगंज और फिर पटना के चिड़ियाघर में बर्ड फ्लू की पुष्टि के सात महीने पहले ही केंद्र सरकार ने इस बीमारी की रोकथाम के संबंध में बिहार सरकार को चेतावनी जारी कर दी थी. इसके बावजूद केंद्र की चेतावनी को राज्य सरकार के महकमों ने नजरअंदाज कर दिया. उनकी नींद तब खुली, जब मुर्गियों और मोरों की मौत हो गयी. इसके बाद 26 दिसंबर को विज्ञापनों के माध्यम से पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने एडवाइजरी जारी की.
वहीं स्वास्थ्य विभाग भी सक्रिय हुआ. केंद्रीय कृषि और कृषक कल्याण मंत्रालय के पशुपालन, मत्स्य और डेयरी विभाग ने पांच जून, 2018 को ही सभी राज्यों को पत्र लिखकर बर्ड फ्लू (एवियन इन्फ्लूएंजा) एच5एन1 और एच5एन8 वायरस के खिलाफ अभियान चलाने का निर्देश दिया था. इन वायरसों से देश को मुक्त करने की बात कही गयी थी. यह पत्र बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के सचिव के कोषांग ने आठ जून को प्राप्त किया था.
इसके बाद केंद्रीय कृषि और कृषक कल्याण मंत्रालय के पशुपालन, मत्स्य और डेयरी विभाग ने पांच सितंबर, 2018 को इस संबंध में फिर से बिहार सहित सभी राज्यों को एवियन इन्फ्लूएंजा के खिलाफ अभियान चलाने का निर्देश दिया.
मुंगेर जिले मेंबर्ड फ्लू की पुष्टि
मुंगेर जिले के असरगंज प्रखंड की अमैया पंचायत के गोरहो गांव के एक पोल्ट्री फॉर्म में बर्ड फ्लू की शिकायत मिली. वहां का सैंपल की जांच के बाद बर्ड फ्लू की पुष्टि भोपाल के एनआईएचएसएपीएल ने 19 दिसंबर को की. वहां मुर्गा, बत्तख और कौआ मिलाकर करीब 588 बर्ड्स की कलिंग (संख्या घटाने के लिए मारना) करायी गयी.
बर्ड फ्लू के 3 वायरस काफी खतरनाक
बर्ड फ्लू तीन तरह के वायरस से होता है. एवियन इन्फ्लुएंजा, एच5एन1 और इन्फ्लुएंजा ए वायरस. इसमें एच5एन1 सबसे खतरनाक माना जाता है. बर्ड फ्लू का वायरस पक्षी से इंसान में फैलता है. बर्ड फ्लू का वायरस इतना खतरनाक होता है कि चपेट में आये शख्स की जान तक जा सकती है. वायरस से फेफड़ों में इन्फेक्शन हो जाता है और सांस लेने में दिक्कत होती है. बुखार आना, खांसी आना, गला खराब होना, मांसपेशियों में दर्द और कन्जंक्टिवाइटिस के लक्षण होते हैं.
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