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मुजफ्फरपुर : एमफिल छात्रों को 20 तक देना है शपथ पत्र, जनवरी में परीक्षा

मुजफ्फरपुर : दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के एमफिल छात्र-छात्राओं को 20 दिसंबर तक नोटरी के साथ शपथ पत्र देना है, जिसमें वे इस बात का उल्लेख करेंगे कि एमफिल में प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद उनका एडमिशन हुआ और उन्होंने नियमित क्लास किया है. शपथ पत्र पर उस विभाग का नाम भी लिखना है, जिससे […]

मुजफ्फरपुर : दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के एमफिल छात्र-छात्राओं को 20 दिसंबर तक नोटरी के साथ शपथ पत्र देना है, जिसमें वे इस बात का उल्लेख करेंगे कि एमफिल में प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद उनका एडमिशन हुआ और उन्होंने नियमित क्लास किया है.
शपथ पत्र पर उस विभाग का नाम भी लिखना है, जिससे छात्र ने पढ़ाई की है. इस माह के अंतिम हफ्ते में सभी पीजी विभागों के सहयोग से शपथ पत्रों की स्क्रीनिंग की जायेगी और जनवरी में परीक्षा फॉर्म भरने के साथ ही परीक्षा का कार्यक्रम तय कर दिया जायेगा. परीक्षा की कवायद शुरू होने के बाद डीडीई में नामांकित एमफिल के 2200 से अधिक छात्र-छात्राओं की उम्मीद जगी है. डीडीई के निदेशक डॉ सतीश कुमार राय ने बताया कि छात्र-छात्राओं से शपथ पत्र लिया जा रहा है. 20 दिसंबर के बाद इसकी जांच शुरू कर दी जायेगी. जिन छात्र-छात्राओं का एडमिशन प्रवेश परीक्षा के माध्यम से हुआ है और जिन्होंने किसी न किसी पीजी विभाग से नियमित क्लास की है, उनको ही परीक्षा देने का मौका मिलेगा. कहा कि जनवरी में परीक्षा फॉर्म भरवाकर परीक्षा ले ली जायेगी.
दो सत्र के तीन बैच की परीक्षा लंबित: एमफिल के दो सत्र के तीन बैच की परीक्षा लंबित है. 2014-15 व 2015-16 में 2200 से अधिक छात्र-छात्राओं का नामांकन लिया गया है. सत्र 2014-15 के फर्स्ट ईयर की परीक्षा विवि ने ले ली थी, लेकिन रिजल्ट जारी करने से पहले से राजभवन ने रोक लगा दी. ऐसे में उस सत्र के छात्रों के फर्स्ट इयर का रिजल्ट देकर सेकेंड ईयर की परीक्षा लेनी है. वहीं 2015-16 सत्र के छात्रों के दोनों सत्र की परीक्षा बाकी है.
अगले सत्र से रेगुलर मोड में होगी एमफिलकी पढ़ाई : बीआरए बिहार विवि में अगले सत्र से रेगुलर मोड में एमफिल की पढ़ाई होगी. विवि प्रशासन ने इसको लेकर तैयारी शुरू कर दी है. सभी पीजी विभागों के अध्यक्षों की बैठक भी हो चुकी है, जिसमें इसकी योजना बन चुकी है. अधिकारियों का कहना है कि रेगुलर मोड में एमफिल के रेगुलेशन को मंजूरी मिल चुकी है. छात्रों को भी लंबे समय से एमफिल कोर्स चालू होने की टकटकी लगी है.
मुजफ्फरपुर. बीआरएबीयू ने यूजीसी से दूरस्थ शिक्षा निदेशालय की वर्ष 2020 तक की मान्यता मांगी है. वर्ष 2016 में ही डीडीई की मान्यता खत्म हो चुकी है. विभिन्न कोर्सों में करीब 40 हजार छात्र-छात्राओं का भविष्य फंसा हुआ है. तीन महीने पहले विवि की ओर से तीन साल की मान्यता के लिए आवेदन दिया गया था. यूजीसी ने लंबे समय तक मान्यता के लिए आवेदन नहीं दिये जाने सहित दर्जन भर बिंदुओं पर सवाल उठाते हुए विवि से जवाब मांगा था. विवि ने सभी सवालों का जवाब देने के साथ ही मान्यता की अवधि बढ़ाने का आवेदन दिया है. वर्ष 2015 में राजभवन ने डीडीई के सभी कोर्स पर मंजूरी नहीं लेने की बात कहते हुए रोक लगा दी थी.
इस बीच 2016 में मान्यता खत्म हुई, तो डीडीई की ओर से आवेदन नहीं हो सका. लंबे समय तक चली जांच के बाद मामला शांत हुआ, तो डीडीई को फिर से चालू करने की कवायद शुरू हो गई है. नये सिरे से कोर्स के लिये मंजूरी मांगने के साथ ही पहले से नामांकित छात्र-छात्राओं की परीक्षा कराने की भी योजना बन रही है. डीडीई के निदेशक डॉ सतीश कुमार राय ने बताया कि यूजीसी को जवाब भेज दिया गया है. कहा कि यूजीसी ने डीडीई की मान्यता के लिये नियमों में कुछ राहत दी है, जिसके बाद मान्यता की उम्मीदें बढ़ी है.
यूजीसी ने विवि से कई बिंदुओं पर सवाल पूछा था. इसको लेकर पिछले दिनों डीडीई के एडवाइजरी कमेटी की बैठक हुई, जिसमें सहमति के बाद जवाब तैयार किया गया. डॉ राय ने कहा कि जल्द ही डिस्टेंस एजुकेशन ब्यूरो की टीम यहां निरीक्षण के लिये भी आ सकती है. इसको देखते हुए तैयारी शुरू कर दी गयी है.

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