मुजफ्फरपुर : बालिका गृह कांड की जांच कर रही सीबीआई ने बाल संरक्षण इकाई की निलंबित सहायक निदेशक रोजी रानी से शनिवार को करीब दस घंटे तक पूछताछ की. पांच-पांच अधिकारियों की अलग-अलग टीम ने रोजी रानी से ब्रजेश ठाकुर के एनजीओ सेवा संकल्प एवं विकास समित से जुड़े सौ से ज्यादा सवाल किये. उनसे अलग-अलग टीम के अधिकारियों ने पूछताछ की.
सीबीआई ने उससे जेल में बंद रवि रौशन के बारे में भी कई सवाल किये. यह दोनों अधिकारी लंबे समय तक मुजफ्फरपुर में तैनात रहे हैं. दोनों के मोबाइल के कॉल डिटेल से सीबीआई जानकारी जुटा रही है. वहीं, सीबीआई को सूचना थी कि ब्रजेश के राजदार सुमन शाही ही कल्याण विभाग के अधिकारियों को रवि रौशन के माध्यम से मैनेज करता था. सुमन ने भी पूछताछ में सीबीआई को कई अहम जानकारी दी थी. देर शाम पूछताछ के बाद रोजी रानी को महिला थाने के हवाले कर दिया गया. रविवार को उनसे टीम के सदस्य फिर पूछताछ करेंगे. ब्रजेश के चालक रहे विजय तिवारी व पारा लीगल वॉलेंटियर संतोष को शहर के ही एक थाने में रखा गया है. इनसे भी पूछताछ हुई है.
जांच के घेरे में तीन पूर्व सहायक निदेशक
सेवा संकल्प व विकास समित को बालिका गृह चलाने का टेंडर सामाजिक सुरक्षा कोषांग ने दिया था. वर्ष 2013 में सामाजिक सुरक्षा कोषांग के सहायक शैलेंद्रमिण त्रिपाठी ने पहली बार गृह का अप्रूवल दिया था. लेकिन, उस दौरान जांच की कोई फाइल विभाग में नहीं है. समाज कल्याण निदेशालय के अनुसार, बालिका गृह की जांच नहीं करने के मामले में पूर्व सहायक निदेशक त्रिपाठी पर विभाग कार्रवाई करने जा रहा है.त्रिपाठी सेवानिवृत हो चुके हैं.
विभागीय सूत्रों के अनुसार बालिका शुरू होने के बाद आठ महीने तक सामाजिक सुरक्षा कोषांग से कोई जांच नहीं की गयी. बाल संरक्षण इकाई वर्ष 2014 से अस्तित्व में आयी. इससे पहले सामाजिक सुरक्षा कोषांग ही गृहों की देख-रेख करता था. उस समय सिर्फ पर्यवेक्षण गृह और उत्तर बालिका संरक्षण गृह था. पर्यवेक्षण गृह जेल में था और उत्तर बालिका संरक्षण गृह जीरोमाइल इलाके में. सीबीआई ने विभाग से मुजफ्फरपुर में तैनात रहे सहायक निदेशकों की सूची तलब की है. पूर्व के तीन सहायक निदेशक जांच की जद में हैं.