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हड़ताल पर गये विवि कर्मचारी, काम ठप
मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विवि के कर्मचारियों ने शनिवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है. पूर्व उपाध्यक्ष रंजन कुमार का निलंबन व एफआईआर वापस लेने सहित सात सूत्री मांगों पर कोई निर्णय नहीं होने के बाद विवि कर्मचारी संघ ने हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया. इससे विवि का कामकाज पूरी तरह ठप हो […]
मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विवि के कर्मचारियों ने शनिवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है. पूर्व उपाध्यक्ष रंजन कुमार का निलंबन व एफआईआर वापस लेने सहित सात सूत्री मांगों पर कोई निर्णय नहीं होने के बाद विवि कर्मचारी संघ ने हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया. इससे विवि का कामकाज पूरी तरह ठप हो गया.
पूरे दिन कुलसचिव सहित अन्य अधिकारी कार्यालय में बैठे रहे, लेकिन वार्ता नहीं हो सकी. इस दौरान प्रशासनिक भवन में धरने पर बैठे कर्मचारियों ने विवि प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. संघ का आरोप है कि विवि के अधिकारी उनकी मांगों पर उदासीन हैं, जिसके कारण हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया गया.
टेंपरिंग मामले में विवि प्रशासन ने परीक्षा विभाग में तैनात रहे रंजन कुमार को निलंबित करते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी है. कार्रवाई के विरोध में कर्मचारी संघ ने कुलपति व कुलसचिव से वार्ता की और जांच पूरी होने तक कार्रवाई वापस लेने की मांग की. दरअसल, जांच कमेटी की अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की गयी है.
अभी फाइनल रिपोर्ट आनी बाकी है. संघ के अध्यक्ष राम कुमार व सचिव कुंदन कुमार ने कहा कि विवि प्रशासन कर्मचारियों के हितों की अनदेखी कर रहा है. उनकी मांगों पर अब तक कोई निर्णय नहीं हो सका है, जिससे आक्रोश बढ़ता जा रहा है.
कुलसचिव ने लिया था वार्ता के लिए समय
कर्मचारियों ने कहा कि 10 सितंबर को ही सामूहिक अवकाश पर जाने की घोषणा कर दी गयी थी. शाम को इसकी सूचना कुलपति व कुलसचिव को दे दी गयी. हालांकि, कुलसचिव ने संघ से वार्ता के लिए 14 सितंबर तक का समय मांगा था. उनका कहना था कि 14 सितंबर तक कुलपति कई महत्वपूर्ण काम में व्यस्त हैं, इस कारण वार्ता संभव नहीं है. बताया कि 15 सितंबर को विश्वविद्यालय खुला, लेकिन अधिकारियों ने कोई पहल नहीं की. इसके बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया गया.
दिनभर भटकते रहे छात्र, हुई परेशानी
बिना सूचना विश्वविद्यालय का काम ठप हो जाने से छात्रों को ज्यादा परेशानी हुई. मुजफ्फरपुर के साथ ही पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी व वैशाली से सैकड़ों छात्र अलग-अलग काम से आये थे. किसी को सर्टिफिकेट लेना था, तो रिजल्ट सुधार के लिए आया था. दूर-दराज से छात्राएं भी अभिभावकों के साथ आयी थीं.
प्रशासनिक भवन में सभी कार्यालय खुले थे, लेकिन कर्मचारी बाहर धरने पर बैठे थे. उन्हें यह कह कर लौटा दिया जा रहा था कि विवि बंद है, कोई काम नहीं होगा. छात्र-छात्राओं का कहना था कि कोई यह भी नहीं बता रहा है कि कब तक उनका काम होगा.
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