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अनिल ओझा के शागिर्द प्रदीप ने स्वर्ण व्यवसायी रोहित को मारी थी गोली

मुजफ्फरपुर : आभूषण व्यवसायी रोहित हत्याकांड में शामिल अपराधी प्रदीप साह को नगर थानेदार केपी सिंह ने दबोच लिया है. रिमांड पर लिये गये रंजीत व विक्की ने पूछताछ में उसके शामिल होने का खुलासा किया है. रविवार की देर रात मोतीझील ओवरब्रिज से वाहन चेकिंग के दौरान उसकी गिरफ्तारी हुई है. तलाशी के दौरान […]

मुजफ्फरपुर : आभूषण व्यवसायी रोहित हत्याकांड में शामिल अपराधी प्रदीप साह को नगर थानेदार केपी सिंह ने दबोच लिया है. रिमांड पर लिये गये रंजीत व विक्की ने पूछताछ में उसके शामिल होने का खुलासा किया है.
रविवार की देर रात मोतीझील ओवरब्रिज से वाहन चेकिंग के दौरान उसकी गिरफ्तारी हुई है. तलाशी के दौरान उसके पास से गांजा की बरामदगी हुई है. उससे बरामद बाइक भी चोरी की बतायी जाती है. उक्त बाइक पर वह एक राजनीतिक कार्यकर्ता की गाड़ी का नंबर लगाये हुए था. गिरफ्तार प्रदीप अपराधी अनिल ओझा का शागिर्द बताया जाता है.
ड‍्यूक छात्रावास में रहनेवाला छात्र भी हत्याकांड में शामिल : रिमांड पर पूछताछ में रंजीत ने पुलिस को बताया कि घटना के पूर्व सोडा गोदाम बांध के पास स्थित ताड़ी दुकान में मनोज सहनी, मोनू पटेल और बैद्यनाथ पासवान के साथ ताड़ी पीने के दौरान रोहित हत्याकांड की योजना बनी थी.
मनोज ने सोनारपट्टी में एक बड़ा काम करने की बात बताते हुए वहां विक्की को बुलाया था. उसने रोहित के संबंध में सभी तरह की जानकारी दी. इसके बाद वहां विवि परिसर स्थित ड‍्यूक व पीजी हॉस्टल में रहनेवाला प्रदीप साह, बाबूल कुमार सिंह और एक अन्य बाइक से पहुंचे थे. 10 जनवरी को सोनारपट्टी में कांड को अंजाम देने का निर्णय लिया गया.
योजना के अनुसार 10 जनवरी की दोपहर बैद्यनाथ पासवान ने सभी को हथियार उपलब्ध करा दिया. रात आठ बजे मनोज सहनी और बैद्यनाथ के साथ वह सोनारपट्टी पहुंचा. विक्की वहां पहले से मौजूद था.
वह सभी को रोहित के दुकान तक ले गया. कुछ ही देर बाद वहां बाइक से प्रदीप और बाबुल सिंह भी पहुंच गये. मनोज सहनी के निर्देश पर वह दुकान में घुसा. दुकान में तीन आदमी मौजूद थे. पिस्तौल के साथ उसे देखते ही रोहित ने विरोध किया. पिस्तौल पकड़े जाने पर प्रदीप ने रोहित के सीने में गोली मार दी. इसके बाद वे सभी फरार हो गये. सीसीटीवी में कैद घटना का पूरा दृश्य विभिन्न सोशल साइट पर वायरल हो गया था. उसे देखने के बाद मनोज सहनी घटना में शामिल सभी साथियों को पुलिस से पकड़े जाने पर मुंह बंद रखने की चेतावनी दी और फरार हो गया.
वाहन चेकिंग के दौरान धराये प्रदीप साह की पहचान रंजीत ने की. संयोग ही था कि जब प्रदीप को थाने पर लाया गया, तो दोनों आरोपित वहां मौजूद थे. पकड़े जाने के बाद पुलिस उसे सिर्फ नशीले पदार्थ का तस्करी या लूटपाट करनेवाला अपराधी मान रही थी. उसे देखते ही हाजत में बंद रंजीत व विक्की ने पहचान कर उसके रोहित हत्याकांड में संलिप्त होने की जानकारी दी. नगर पुलिस उसे चोरी की बाइक रखने व नशीले पदार्थ की तस्करी मामले में जेल भेज दिया है. उसे रोहित हत्याकांड में भी न्यायिक रिमांड करेगी.
सात साल पूर्व जेल से भागने का किया था प्रयास : समस्तीपुर मोहद्दीनगर निवासी प्रदीप साह पूर्व में भी कई लूट, छिनतई,रंगदारी जैसी संगीन वारदातों को अंजाम दे चुका है. एलएस कॉलेज गेट पर सिगरेट व्यवसायी के कर्मचारी पर गोलीबारी कर ढाई लाख रुपये लूट के मामले में भी पुलिस को उसकी तलाश थी. समस्तीपुर के ताजपुर के रितेश कुमार ने प्रदीप का नाम बताया था. सदर, काजीमोहम्मदपुर व नगर पुलिस के साथ ही बेगूसराय व समस्तीपुर पुलिस उसे जेल भेज चुकी है. वर्ष 2011 में पुलिस ने उसे चोरी की बाइक के साथ गिरफ‍तार कर जेल भेजा था. उस समय वह जेल से भागने की कोशिश की.

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