मुजफ्फरपुर: द इंस्टीटय़ूट ऑफ चाटर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आसीएआइ) ने देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों से पीएचडी की डिग्री हासिल करने वाले चार्टेड अकाउंटेंट (सीए) के थेसिस की प्रदर्शनी लगाने का फैसला लिया है. इसके लिए बीआरए बिहार विवि सहित अन्य विश्वविद्यालयों से उनके यहां से पीएचडी की डिग्री हासिल करने वाले सीए का रिकॉर्ड मांगा गया है.
मांगी गयी जानकारी में शोधार्थी का नाम, शोध का विषय व गाइड का नाम (यदि संभव हो) शामिल है. आइसीएआइ ने वर्ष 2002 में बीआरए बिहार विवि से सीए को स्नातकोत्तर के समतुल्य मानते हुए पीएचडी कोर्स में छूट देने की मांग की थी.
उसके प्रस्ताव को दो अप्रैल 2002 को द स्टेच्यूटरी इक्वीवेलेंस कमेटी के समक्ष रखा गया, जहां उसे मंजूरी मिल गयी. अब आइसीएआइ चाहती है कि वह पीएचडी कोर्स पूरा कर चुके सीए के शोध के विषयों की प्रदर्शनी लगाये ताकि उसके यहां सीए का कोर्स कर रहे छात्र शोध के लिए प्रेरित हो सके. कुलानुशासक डॉ अजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा, आइसीएआइ के बोर्ड ऑफ स्टडी के निदेशक के पत्र के आलोक में 2003 के बाद पीएचडी कोर्स पूरा करने वाले शोधार्थियों का रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है. हालांकि चुनाव में कर्मचारियों के व्यस्तता के कारण इसमें थोड़ा वक्त लग सकता है.