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बालू की महंगाई ने बढ़ायी परेशानी, निर्माण कार्य ठप

मुजफ्फरपुर : बालू की किल्लत का असर निर्माण कार्य पर दिखने लगा है. कंस्ट्रक्शन का काम बंद होने से इससे जुड़े लोगों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट है. बालू नहीं मिलने से इससे जुड़े अन्य सामान की बिक्री पर भी असर दिख रहा है. सीमेंट, गिट्टी व सरिया की बिक्री भी काफी कम हो गयी […]

मुजफ्फरपुर : बालू की किल्लत का असर निर्माण कार्य पर दिखने लगा है. कंस्ट्रक्शन का काम बंद होने से इससे जुड़े लोगों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट है. बालू नहीं मिलने से इससे जुड़े अन्य सामान की बिक्री पर भी असर दिख रहा है. सीमेंट, गिट्टी व सरिया की बिक्री भी काफी कम हो गयी है. त्योहार में ही मिस्त्री-मजदूर बेरोजगार हो गये हैं. वे मजदूरी के लिए भटक रहे हैं. यह स्थिति बालू का खनन नहीं होने से बनी हुई है. बालू नहीं मिलने से निजी और सरकारी क्षेत्र में निर्माण कार्य ठप है.
बालू माफियाओं की कारगुजारी सामने के बाद खनन पर रोक से मंडी से बालू गायब हो गया है. चोरी-छिपे लाकर कुछ जगहों पर यदि बिक्री हो भी रही है, तो कोई कीमत तय नहीं है. आम दिनों में तीन से चार हजार रुपये प्रति सीएफटी बिकने वाला बालू अभी 10 से 14 हजार रुपये प्रति सीएफटी बिक रहा है. इस तरह देखा जाये तो एक टेलर बालू की कीमत एक लाख तक पहुंच गयी है. वहीं, बाजार में खुदरा बालू 120 रुपये बोरी की दर से बिक रहा है.
जानकारी के अनुसार बालू माफिया अभी बंगाल व जहानाबाद से बालू मंगा रहे हैं. लेकिन उसकी बढ़ी कीमतों के कारण लोग खरीदने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं. कांटी के निर्माण सामग्री विक्रेता राम बाबू झा, विपिन कुमार बताते हैं कि बालू की वजह से धंधा चौपट है. मकान नहीं बनने से बिजनेस पर काफी असर पड़ा है.
छत की नहीं हो रही ढलाई
बालू की ऊंची कीमत के कारण छतों की ढलाई नहीं हो पा रही है. घर आधा बनकर रुका हुआ है. इसके लिए रखे सरिया में जंग लग रहा है. संवेदक राज किशोर बताते हैं कि निर्माण काम काफी धीमी गति से चल रहा है. सेट्रिंग कर मकान छोड़ दिया गया है. सभी बालू का दाम कम होने का इंतजार कर रहे हैं.
रामदयालु में है बालू की सबसे बड़ी मंडी
जिले में बालू की खरीद बिक्री वैसे तो हर चौक – चौराहा पर होता है.लेकिन सबसे बड़ा मंडी रामदयालु नगर में है. अमूनन प्रति दिन सौ ट्रक बालू यहां से बेची जाती है. दूसरे जिले के लोग भी यहां से बालू ले जाते है. यही नहीं नेपाल के खरीददार भी यहां पहुंचते है. सुबह में एचएच 28 मुजफ्फरपुर – मोतिहारी, दरभंगा व सीतामढ़ी रोड में बालू के ट्रक का खरीद फरोख्त होता है. मोटा व महीन बालू का रेट अलग – अलग होता है. विभागीय जानकारी के अनुसार बालू का खनन तेजी से शुरु हो गया है. एक महीने में स्थिति सामान्य हो जायेगा.
बढ़ी कीमत के कारण नहीं खरीद रहे बालू
बालू की किल्लत के कारण सरकारी व निजी निर्माण लगभग ठप है जहां काम हो भी रहा है, वहां पर गति काफी धीमी है. बढ़ी कीमतों के कारण संवेदक बालू खरीदने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं. जिले में भवन निर्माण प्रमंडल की चार बड़ी योजनाओं पर काम चल रहा है. इनमें सर्किट हाउस, कोर्ट परिसर में मेडिटेशन सेंटर, मीनापुर व कटरा में संयुक्त कार्यालय सहित मोतीपुर में आइटीआइ भवन शामिल है. इसके अलावा पीसीसी सड़कों के निर्माण पर भी इसका असर पड़ा है.

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