मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर से दिल्ली, मुंबई समेत अन्य महानगरों में लीची ढुलाई को लेकर गुरुवार को जंकशन पर जिले के लीची व्यापारियों व रेलवे अधिकारियों के साथ बैठक हुई. इसमें व्यापारियों ने लीची के मौसम में ट्रेनों से पार्सल के दौरान आने वाली समस्याओं को रखा. इस दौरान काफी शोर:शराबा भी हुआ. इसके बाद भी समस्याओं का समाधान नहीं होता देख व्यापारियों ने बैठक का बहिष्कार कर बाहर निकल गये.
व्यापारियों का आरोप था कि हर साल लीची का मौसम शुरू होने से पूर्व सोनपुर मंडल के अधिकारी बैठक कर समस्या नहीं होने की बात कहते हैं, लेकिन आश्वासन फेल कर जाता है. लीची व्यापारी विजय कुमार ने बताया कि लीची की पेटी को पार्सल करने में 50 रुपये का खर्च आता है. अतिरिक्त पार्किग शुल्क, गेट पास आदि रहने के कारण दो सौ से अधिक रुपये खर्च हो जाता है. लोकल व वर्चस्व कायम करने वाले लोगों को टेंडर मिल जाने से छोटे व्यापारियों को परेशानी होती है. शिकायत पर कोई समाधान नहीं होता है. तब तक उन्हें काफी नुकसान पहुंच जाता है. इधर, रेलवे अधिकारियों का कहना है कि बैठक में कुछ फैसला हुआ है, लेकिन बहिष्कार कर दिये जाने के कारण ठोस फैसला नहीं हो सका. जल्द ही दोबारा बैठक कर व्यापारियों की एक-एक समस्या पर विचार-विमर्श किया जायेगा.
खुले पार्सल गेट में ही खुल गयी मौर्य
मुजफ्फरपुर. हटिया से गोरखपुर को जानेवाली मौर्य एक्सप्रेस की पार्सल बोगी (एसएलआर) का गेट खुला हुआ था और ट्रेन जंकशन से खुल गयी. जंकशन पर लोगों ने जब देखा, तब ट्रेन के गार्ड को इशारा से इसकी जानकारी दी. हालांकि, गार्ड ने ट्रेन खुलने के कुछ ही देर बाद ट्रेन को रोक एसएलआर बोगी के गेट को बंद कर ट्रेन को आगे के लिए रवाना कराया. इससे कुछ देर के लिए जंकशन पर अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया था.