17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

न्यायालय ने मुफस्सिल थानाध्यक्ष के दस दिनों का वेतन काटने का दिया आदेश

मुंगेर : न्यायालय व पुलिस अधीक्षक के आदेश के बावजूद मुफस्सिल थानाध्यक्ष ने जालसाजी के मामले में आरोपी मिर्जापुर बरदह के पूर्व सरपंच फरहत तब्बसुम एवं मो शकील के विरुद्ध अबतक प्राथमिकी दर्ज नहीं की है. जबकि न्यायालय के आदेश के आलोक में मुंगेर के पुलिस अधीक्षक ने अपने पत्रांक 263/अभि दिनांक 20 फरवरी 2017 […]

मुंगेर : न्यायालय व पुलिस अधीक्षक के आदेश के बावजूद मुफस्सिल थानाध्यक्ष ने जालसाजी के मामले में आरोपी मिर्जापुर बरदह के पूर्व सरपंच फरहत तब्बसुम एवं मो शकील के विरुद्ध अबतक प्राथमिकी दर्ज नहीं की है. जबकि न्यायालय के आदेश के आलोक में मुंगेर के पुलिस अधीक्षक ने अपने पत्रांक 263/अभि दिनांक 20 फरवरी 2017 के माध्यम से थानाध्यक्ष को प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था. न्यायालय ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए शुक्रवार को थानाध्यक्ष के दस दिनों का वेतन काटने का निर्देश दिया है.
एसपी ने दिया था एफआइआर का आदेश : इस मामले में मुंगेर के अपर सत्र न्यायाधीश पंचम ज्योति स्वरूप श्रीवास्तव के निर्देश के आलोक में पुलिस अधीक्षक आशीष भारती ने 20 फरवरी 2017 को मुफस्सिल थानाध्यक्ष को निर्देश दिया था कि इस जालसाजी में लिप्त पूर्व सरपंच फरहत तब्बसुम एवं ललटू के पिता मो. शकील के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज किया जाय. लेकिन यह प्राथमिकी अबतक दर्ज नहीं की गयी है. इस मामले में आज न्यायालय ने थानाध्यक्ष के कार्यों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उसके दस दिनों का वेतन काटने का निर्देश दिया है.
मुफस्सिल थाना पुलिस के कारनामे से आर्म्स एक्ट का आरोपी मो ललटू वर्षों तक न्यायालय के रिकॉर्ड में मृत रहा. जबकि वह सीआइएसएफ में नौकरी कर रहा था. मुफस्सिल थाना कांड संख्या 259/03 के मिनीगन फैक्टरी संचालन के मामले में वह अभियुक्त है. यह मामला अपर सत्र न्यायाधीश पंचम के न्यायालय में सत्रवाद संख्या 782/13 के तहत चल रही है. मामले की सुनवाई के दौरान मो ललटू के पिता मो शकील एक षड़यंत्र के तहत मो ललटू की एक सड़क दुर्घटना में मौत होने का मृत्यु प्रमाण पत्र बना लिया था. साथ ही मिर्जापुर बरदह पंचायत के तत्कालीन सरपंच फरहत तब्बसुम ने भी 21 नवंबर 2012 को पंचायत से एक प्रमाण पत्र निर्गत करते हुए मो ललटू को मृत बताया था.
हद तो यह हो गयी कि मो. ललटू के विरुद्ध जब न्यायालय द्वारा गिरफ्तारी व कुर्की जब्ती वारंट जारी किया गया था तो मुफस्सिल के तत्कालीन थानाध्यक्ष भाई भरत ने भी उसकी मृत्यु की सूचना दर्ज करते हुए वारंट को वापस न्यायालय लौटा दिया था. लेकिन अगस्त 2016 में इस बात का खुलासा हुआ कि मो. ललटू जीवित है और वह सीआइएसएफ में नौकरी कर रहा है. बाद में जांच के दौरान भी यह सत्य पाया गया और आरोपी ललटू उर्फ इकबाल अहमद ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें