प्रदर्शन : प्रशासन के नये नियम का विराेध
शनिवार को प्रसिद्ध शक्तिपीठ चंडिका स्थान के सभी पंडा काफी आक्रोशित दिखे. मंदिर आनेवाले श्रद्धालुओं का उन्होंने पूजा नहीं करवाया व मंदिर में पूजन कार्य का विरोध किया. सभी पंडा जिला प्रशासन द्वारा बनाये गये नये नियमों का विराेध कर रहे थे. जिसमें यहां के पंडा की पूजन विधि संबंधी योग्यता पर सवाल उठाया गया था. यहां पहुंचे श्रद्धालुओं ने खुद ही मां चंडिका की पूजा-अर्चना की.
पंडा की परीक्षा लेने व दक्षिणा के मामले में नये नियम से आक्रोश
पंडा की परीक्षा लेने व दक्षिणा के मामले में नये नियम से आक्रोश
मुंगेर : जिला प्रशासन द्वारा प्रसिद्ध सिद्धपीठ चंडिका स्थान के पंडों की परीक्षा लेने तथा चढ़ावा व दक्षिणा के मामले में नये नियम का पंडा समाज ने विरोध किया है. निर्णय के विरोध में शनिवार को पंडा समाज के लोगों ने पूजन कार्य का बहिष्कार किया और यहां आने वाले श्रद्धालुओं का पूजा नहीं कराया. जिसके कारण लोग खुद ही मां चंडी का पूजन किये और मां की आराधना की. चंडिका स्थान न्यास समिति की शुक्रवार को जिला पदाधिकारी उदय कुमार सिंह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि यहां के सभी पुजारी व पंडा की प्रारंभिक परीक्षा ली जायेगी.
ताकि यह पता चल सके कि उन्हें पूजन विधि व देवी के श्लोकों का सही ज्ञान है या नहीं. वे सही मंत्रों के माध्यम से पूजा कराते हैं या नहीं. डीएम ने स्पष्ट निर्देश दे दिया कि प्रारंभिक परीक्षा में पास होने पर पंडों को आइ कार्ड दिया जायेगा और वे ही पूजा करायेंगे. लेकिन चंडिका स्थान के पुजारियों ने इसका विरोध किया है.
देश में आज तक पंडा की परीक्षा नहीं ली गयी
देव बाबा, गजेंद्र बाबा, मुकेश, प्रदीप, अनिल, नंदन व अशोक बाबा ने बताया कि हमारे जीविका का मुख्य आधार है पूजा कराना. इसी से हमारा भरण-पोषण होता है. देश में आजतक पंडा की परीक्षा नहीं ली गयी. साथ ही उन्होंने कहा कि दक्षिणा के हिस्से का रशीद नहीं कटना चाहिए. न्यास से कमिटी का भंग भी नहीं किया गया और न्यास बोर्ड में सागर यादव का नाम शामिल कर दिया गया है. जबकि पूर्व में डएम व एसपी ने कहा था कि चढ़ावा व रशीद का पैसा आधा पंडा समाज का होगा. दान पेटी समिति का व गर्भगृह का चढ़ावा पंडा समाज का होना चाहिए.