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दखल दहानी व बसेरा को बनायें कारगर
खगड़िया जिले के अमौसी नरसंहार में मारे गये जिन 16 लोगों को परचा सरकार द्वारा उपलब्ध करायी गयी थी उस जमीन पर अबतक बाहुबलियों का कब्जा है मुंगेर : राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी ने शुक्रवार को मुंगेर प्रमंडल के अधिकारियों के साथ अपने मैराथन बैठक में जहां ऑपरेशन दखल […]
खगड़िया जिले के अमौसी नरसंहार में मारे गये जिन 16 लोगों को परचा सरकार द्वारा उपलब्ध करायी गयी थी उस जमीन पर अबतक बाहुबलियों का कब्जा है
मुंगेर : राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी ने शुक्रवार को मुंगेर प्रमंडल के अधिकारियों के साथ अपने मैराथन बैठक में जहां ऑपरेशन दखल दहानी व अभियान बसेरा को कारगर ढंग से कार्यान्वित करने का निर्देश दिया. वहीं राजस्व शिविरों की बदहाल स्थिति पर नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने कहा कि राज्य के सभी अंचलों में अत्याधुनिक अभिलेखागार भवन का निर्माण किया जायेगा. वे जिला परिषद के सभागार में मुंगेर प्रमंडल के मुंगेर, जमुई, लखीसराय, शेखपुरा, खगडि़या एवं बेगूसराय के जिलाधिकारी, अपर समाहर्ता, एसडीओ व डीसीएलआर के संयुक्त बैठक को संबोधित कर रहे थे.
बैठक में मुंगेर के प्रमंडलीय आयुक्त लियान कुंगा, बिहार राज्य भूदान यज्ञ समिति के अध्यक्ष शुभमूर्ति, भू अर्जन सह राजस्व विभाग के विशेष सचिव शशिभूषण तिवारी, भू अभिलेख व परिमाप के निदेशक मिथिलेश मिश्र एवं कृषि गणना के संयुक्त निदेशक बीके झा मुख्य रूप से मौजूद थे.
नहीं मिला जमीन पर कब्जा
समीक्षा के दौरान पाया गया कि खगडि़या जिले के अमौसी नरसंहार में मारे गये जिन 16 लोगों को परचा सरकार द्वारा उपलब्ध करायी गयी थी उस जमीन पर अबतक बाहुबलियों का कब्जा है. परचाधारियों को भूमि पर दखल नहीं मिल पाया है. खगडि़या जिले के ही अलौली प्रखंड के गौराचक, बहादुरपुर, उकरौरा गांव में भी परचाधारियों को भूमि पर दखल नहीं मिल पाया है.
इस मामले में प्रधान सचिव ने जिलाधिकारी व अनुमंडलाधिकारी को त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया. कहा िक समाज के हर व्यक्ति का यह मौलिक अधिकार है कि उसे रहने के लिए अपना एक घर हो. सरकार ने इस सपने को साकार करने के लिए अभियान बसेरा चलाया है. जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्र में बास भूमि रहित परिवार को पांच डिसमिल एवं शहरी क्षेत्र में 30 वर्ग फीट जमीन उपलब्ध कराना है. प्रधान सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि यह काफी महत्वपूर्ण कार्य है. इसलिए जरूरी है कि वैसे लोगों की पहचान कर उन्हें भूमि उपलब्ध करायी जाय.
भूमि के परचा के साथ ही उसका रशीद, दाखिल खारिज, नजरी नक्शा व उस पर दखल भी कायम होनी चाहिए. उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि शादीशुदा व्यक्ति का एक एकल परिवार होगा. साथ ही विधवा, परित्यागता महिलाओं का भी एकल परिवार ही गणना होगी. उन्होंने भूमि चयन में यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि उसी भूमि को बास के लिए चुना जाय जो उपयुक्त है.प्रधान सचिव ने कहा कि राज्य के सभी अंचलों में अत्याधुनिक अभिलेखागार बनाने की प्रक्रिया प्रारंभ की गयी है.
इसके लिए छह डिसमिल जमीन की आवश्यकता है. बैठक के दौरान बताया गया कि मुंगेर जिले के जमालपुर व बरियारपुर प्रखंड व अंचल को अपना कार्यालय तक उपलब्ध नहीं है. इन दोनों के लिए सरकार के पास प्रस्ताव भेजा गया है. उन्होंने आरटीपीएस के तहत दाखिल खारिज के मामले में अस्वीकृत किये जाने वाले आवेदनों की समीक्षा की आवश्यकता बतायी.
बैठक में थे उपस्थित
बैठक में मुंगेर के जिलाधिकारी अमरेंद्र प्रसाद सिंह, लखीसराय के उदय प्रसाद सिंह, जमुई के डॉ कौशल किशोर, बेगूसराय की सीमा त्रिपाठी, खगडि़या व शेखपुरा के डीएम व एडीएम थे.
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