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जागरूकता से ही घरेलू हिंसा पर लग सकता है लगाम

जागरूकता से ही घरेलू हिंसा पर लग सकता है लगाम फोटो संख्या : 8,9फोटो कैप्सन : कार्यशाला को संबोधित करते अतिथि व उपस्थित. प्रतिनिधि, मुंगेर राज्य विधिक सेवा प्राधिकार एवं महिला विकास निगम के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को जेंडर व घरेलू हिंसा पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. संग्राहलय स्थित सभागार में आयोजित […]

जागरूकता से ही घरेलू हिंसा पर लग सकता है लगाम फोटो संख्या : 8,9फोटो कैप्सन : कार्यशाला को संबोधित करते अतिथि व उपस्थित. प्रतिनिधि, मुंगेर राज्य विधिक सेवा प्राधिकार एवं महिला विकास निगम के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को जेंडर व घरेलू हिंसा पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. संग्राहलय स्थित सभागार में आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन अपर सत्र न्यायाधीश पारस नाथ शर्मा, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव अनिल कुमार एवं लोक अदालत के सदस्य साकेत चंद्र समैयार, रूबी कुमारी व माधुरी चौधरी ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर किया. कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए अपन सत्र न्यायाधीश पारस नाथ ने जेंडर व घरेलू हिंसा के संदर्भ में विस्तारपूर्वक जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सामाजिक स्तर पर जागरूकता से ही घरेलू हिंसा पर अंकुश लगाया जा सकता है. उन्होंने कहा एक समान काम के लिए स्त्री व पुरुष को एक समान ही वेतन मिलना चाहिए. उन्होंने इस बात पर दुख व्यक्त किया कि आज भी महिलाएं घर में असुरक्षित है, जो सभ्य समाज के लिए चिंता का विषय है. अधिवक्ता साकेत चंद समैयार ने पारा विधिक स्वयं सेवकों को उनके कर्तव्य की जानकारी दी. मौके पर प्रशिक्षक रूबी कुमारी ने कहा कि किसी भी युवती को अश्लील एसएमएस करना, बार-बार मिस कॉल करना, युवती का पीछा करना अपराध की श्रेणी में आता है. ऐसे मामले में कानून में दोषी के लिए तीन वर्ष के सजा का प्रावधान है. यहां तक की अगर पति के व्यवहार से पत्नी को मानसिक, शारीरिक व आर्थिक परेशानी हो रही हो तो पति पर घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत एफआइआर दर्ज किया जा सकता है. कार्यशाला में परा विधिक स्वयं सेवक व अन्य मौजूद थे.

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