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अंधेरे में शहर, लाइट के नाम पर करोड़ों खर्च

अंधेरे में शहर, लाइट के नाम पर करोड़ों खर्च फोटो संख्या : 1,2 फोटो कैप्सन : खराब पड़ा सीएफएल एवं सोलर लाइट प्रतिनिधि, मुंगेर मुंगेर शहर को दूधिया रोशनी से जगमग करने के लिए विभिन्न योजनाओं से करोड़ों रुपये खर्च किये जा रहे हैं. लेकिन शहर अंधेरे में है. हाल यह है कि चार-पांच वर्ष […]

अंधेरे में शहर, लाइट के नाम पर करोड़ों खर्च फोटो संख्या : 1,2 फोटो कैप्सन : खराब पड़ा सीएफएल एवं सोलर लाइट प्रतिनिधि, मुंगेर मुंगेर शहर को दूधिया रोशनी से जगमग करने के लिए विभिन्न योजनाओं से करोड़ों रुपये खर्च किये जा रहे हैं. लेकिन शहर अंधेरे में है. हाल यह है कि चार-पांच वर्ष पूर्व लगा सोलर लाइट अब शायद ही कहीं दिखता है और जहां दिखता है वहां बैटरी व सोलर प्लेट तक गायब है. विभिन्न वार्डों में कहीं एलइडी तो कहीं सीएफएल लाइट लगे हैं. किंतु शहर के एक बड़े भाग की सड़कें आज भी अंधेरे में है.मई 2015 में चतुर्थ वित्त आयोग मद से लगभग 1 करोड़ 10 लाख रुपये की लागत से निगम क्षेत्र के 45 वार्डों में प्रकाश व्यवस्था की निविदा निकाली गयी थी. जिसके लिए महावीरा प्राइवेट लिमिटेड पटना नामक एजेंसी को प्रत्येक वार्ड में लाइट लगाने की जिम्मेवारी सौंपी गयी. जिसे तीन माह में लाइट लगाना था. लेकिन छह माह बीतने को है और अब तक शहर के 15 वार्डों में एक भी लाइट नहीं लगी है. अंधेरे में हैं कई वार्ड प्रकाश व्यवस्था के तहत नगर निगम के 45 वार्डों में लाइट की व्यवस्था की जानी है. जिसमें निगम क्षेत्र के लगभग 30 वार्डों में 20-20 लाइटें लगायी गयी है. किंतु बांकी 15 वार्डों में लाइट नहीं लगी है. जिसके कारण वैसे वार्डों की सड़कें अंधेरे में है. वार्ड पार्षद सुनील राय का कहना है कि लाइट लगाने में एजेंसी द्वारा मनमानी की जा रही और इस मामले में नगर निगम प्रशासन भी पूरी तरह पारदर्शी नहीं है. इन वार्डों में नहीं लगे हैं लाइट वार्ड नंबर 11 छोटी केलाबाड़ी, 15 मुर्गियाचक, 16 पूरबसराय, 18 राइसर, 19 चुरम्मा, 26 बेकापुर, 27 बेकापुर, 30 बेलन बाजार, 32 लल्लू पोखर, 34 पुरानीगंज, 38 मकससपुर, 41 चंदन बाग, 42 कासिम बाजार/ मोकबिरा/ महद्दीपुर, 43 हेरूदियारा, 44 बिंदवारा /हसनगंज / शक्तिनगर में लाइट नहीं लगायी गयी है. कहते हैं वार्ड पार्षद वार्ड नंबर 27 के पार्षद अनिल सिंह का कहना है कि नगर निगम की लापरवाही के कारण अबतक इस वार्ड में लाइट नहीं लगाया है. जबकि संवेदक द्वारा लाइट तीन माह में ही लगा दिया जाना था. वार्ड नंबर 15 के पार्षद मो. जाहिद ने कहा कि निगम प्रशासन द्वारा वार्ड के साथ भेदभाव किया जाता है. जिसके कारण कार्य की गति मंथर है. जबकि संविदा निकले हुए छह माह से ज्यादा हो गये. वार्ड नंबर 42 के पार्षद सुनील राय ने बताया कि यह योजना एक वर्ष पूर्व की है और उसे निविदा प्रक्रिया पूर्ण होने के तीन माह बाद ही हर वार्ड में लगा दिया जाना था. लेकिन निगम प्रशासन की उदासीनता के कारण किसी वार्ड में लाइट लगाया गया और किसी वार्ड में अबतक नहीं लगा है. कहते हैं नगर आयुक्त नगर आयुक्त प्रभात कुमार सिन्हा का कहना है कि वार्ड में लाइट धीरे-धीरे लगाया जा रहा है. दिसंबर 2015 तक प्रत्येक वार्ड में लाइट लगाने का कार्य पूर्ण करा दिया जायेगा. —————————–बॉक्स—————————–रोशनी के लिए चल रही कई योजनाएं मुंगेर : मुंगेर शहर को रोशन करने के लिए नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा कई योजनाएं चल रही है. इसके तहत जहां शहर के प्रमुख दर्जन भर स्थानों पर हाई मास्क लाइट लगाये गये. वहीं प्रकाश व्यवस्था योजना के तहत प्रत्येक वार्ड में 20-20 सीएफएल लाइट लगानी है. इसके अतिरिक्त शहरी सौंदर्यीकरण योजना के तहत शहर के मुख्य सड़कों पर एलइडी लाइट लगायी गयी. लेकिन बदहाल व्यवस्था के कारण इसे आजतक हैंड ओवर नहीं लिया गया है. हाल यह है कि शहर के आधे दर्जन स्थानों पर हाई मास्क लाइट बंद पड़े हैं तो कई स्थानों पर एलइडी लाइट से भी रोशनी नहीं निकल रही. अलबत्ता सीएफएल योजना तो निगम प्रबंधन की मनमानी की भेंट चढ़ रही है. शहर में लाइटें लगाने में भी व्यापक स्तर पर अनियमितता बरती जाती है. सार्वजनिक स्थलों के बदले पीक एंड चूज की नीति के तहत लाइट लग रही है. फलत: शहर का एक बड़ा तबका अंधेरे में जी रहा है.

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