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व्यवसायी गौरव हत्याकांड का डीआइजी ने किया रिव्यू, दिये आवश्यक निर्देश

मुंगेर : शहर के शादीपुर निवासी व्यवसायी गौरव कुमार हत्याकांड का डीआइजी मनु महाराज ने गुरुवार को अपने कार्यालय कक्ष में रिव्यू किया. इस दौरान पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह, एएसपी हरिशंकर कुमार मुख्य रूप से मौजूद थे. उन्होंने कांड में अब तक अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर नाराजगी व्यक्त की और पुलिस पदाधिकारियों को […]

मुंगेर : शहर के शादीपुर निवासी व्यवसायी गौरव कुमार हत्याकांड का डीआइजी मनु महाराज ने गुरुवार को अपने कार्यालय कक्ष में रिव्यू किया. इस दौरान पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह, एएसपी हरिशंकर कुमार मुख्य रूप से मौजूद थे. उन्होंने कांड में अब तक अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर नाराजगी व्यक्त की और पुलिस पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये.

बताया जाता है कि लिपि सिंह ने जनवरी 2020 में मुंगेर एसपी का पदभार ग्रहण किया. जबकि व्यवसायी गौरव की हत्या अक्तूबर 2019 को हुई थी. इस हत्याकांड में पुलिस न तो अब तक हत्या के कारणों का पता लगा सकी और न ही हत्यारों की पहचान कर सकी है. इतना ही नहीं मृतक के मोबाइल को भी ट्रेस आउट पुलिस नहीं कर सकी है. यहीं कारण है कि डीआइजी ने इस हत्याकांड की रिव्यू मीटिंग बुलायी थी.
मीटिंग में कांड को लेकर अब तक किये गये अनुसंधान के बारे में विस्तार से पुलिस पदाधिकारी ने जानकारी दी. हत्या से लेकर अब तक किये गये लोगों से पूछताछ, छानबीन एवं अन्य बिंदुओं पर चर्चा हुई. डीआइजी ने पुलिस पदाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि हत्याकांड से जुड़े साक्ष्य को एकत्रित कर अविलंब कांड का उद‍्भेदन करें. साथ ही हत्या में शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करें.
7 अक्तूबर 2019 की रात हुई थी गौरव की हत्या
कोतवाली थाना क्षेत्र के शादीपुर में 7 अक्तूबर 2019 की देर रात धारदार हथियार से अपराधियों ने व्यवसायी गौरव की हत्या कर दी थी. अपराधियों ने उसकी हत्या घर से सटे उसके गैरेज में ही की थी.
परिजन ने पुलिस को उस समय बताया था कि कि गौरव उर्फ पिंटू रात में परिवार के साथ दुर्गा मेला देखने गया था और रात 12 बजे के बाद घर लौटा था. पत्नी व बच्चों को चार पहिया से उतार कर वह पुन: मेला देखने निकल गया. लेकिन घर नहीं लौटा. सुबह में परिजन गाड़ी देखने गैरेज गया तो देखा कि पिंटू मृत पड़ा है और चारों ओर खून बिखरा हुआ है.
जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गयी थी. डीआइजी मनु महराज, तत्कालीन एसपी गौरव मंगला, एएसपी हरिशंकर प्रसाद दल बल के साथ पहुंचे थे. पुलिस डॉग स्क्वायड व एफएसएल की टीम घटनास्थल पर पहुंचकर हत्या से संबंधित साक्ष्य को एकत्रित किया था. इस दौरान दर्जन भर लोगों को हिरासत में लेकर पुलिस ने पूछताछ किया था. मृतक का मोबाइल भी नहीं मिला था.

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