मुंगेर : जनसंख्या नियंत्रित करने के उद्देश्य से सरकार ने परिवार नियोजन कार्यक्रम चला रखा है. जिस पर हर साल करोड़ों रुपये खर्च किये जाते हैं. बावजूद इस कार्य के लिए जिम्मेदारों की उदासीनता के कारण जिले में हर बार यह कार्यक्रम लक्ष्य से काफी पीछे ही रह जाता है.
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परिवार नियोजन पखवारे का लक्ष्य पूरा करने में सदर अस्पताल फेल
मुंगेर : जनसंख्या नियंत्रित करने के उद्देश्य से सरकार ने परिवार नियोजन कार्यक्रम चला रखा है. जिस पर हर साल करोड़ों रुपये खर्च किये जाते हैं. बावजूद इस कार्य के लिए जिम्मेदारों की उदासीनता के कारण जिले में हर बार यह कार्यक्रम लक्ष्य से काफी पीछे ही रह जाता है. कार्यक्रम को गति प्रदान करने […]
कार्यक्रम को गति प्रदान करने के लिए 11 से 24 जुलाई तक परिवार नियोजन पखवारा का आयोजन किया गया. जिसमें सदर अस्पताल अपना लक्ष्य पूरा करने में पूरी तरह से फ्लॉप रहा. हालांकि इस चालू वित्तीय वर्ष में मुंगेर जिला को जो लक्ष्य दिया गया है, उसके विरुद्ध में पहले त्रैमासिक में सिर्फ 6 प्रतिशत ही उपलब्धि मिल पायी है.
लक्ष्य पूरा करने में सदर अस्पताल फिसड्डी: पिछले 11 जुलाई को जिले भर में परिवार नियोजन पखवाड़ा का शुभारंभ किया गया, जो 24 जुलाई तक चला. इस पखवाड़े में सदर अस्पताल को महिला बंध्याकरण के लिए 105 तथा पुरुष नसबंदी के लिए 25 लोगों का लक्ष्य निर्धारित किया गया था.
किंतु सदर अस्पताल में 105 महिलाओं के विरुद्ध सिर्फ 30 महिलाओं का ही बंध्याकरण हो पाया. जबकि 25 पुरुषों के नसबंदी में महज एक पुरुष का ही नसबंदी हो पाया. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर लक्ष्य को पूरा करने में कहां पर चूक हुई और किसने अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह पूरी ईमानदारी नहीं किया.
पहले त्रैमासिक में सिर्फ 6 प्रतिशत उपलब्धि: परिवार नियोजन कार्यक्रम को लेकर चालू वित्तीय वर्ष में मुंगेर जिला के लिए 8952 महिलाओं के बंध्याकरण तथा 401 पुरुषों के नसबंदी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. किंतु लक्ष्य के विरुद्ध चालू वित्तीय वर्ष के अप्रैल माह से जून माह तक 539 महिलाओं का बंध्याकरण हो पाया है और सिर्फ 3 पुरुषों का नसबंदी हो पाया है.
कुल मिला कर लक्ष्य और उपलब्धी का आकलन किया जाये तो बीते तीन महीने में महज 6 प्रतिशत की ही उपलब्धी मिल पायी है. मालूम हो कि परिवार नियोजन कार्यक्रम को लेकर एक पूरा विभाग ही अलग से है. जिसमें मॉनेटरिंग करने वाले से लेकर फिल्ड में काम करने वाले दर्जनों स्वास्थ्य कर्मी को शामिल किया गया है. बावजूद परिवार नियोजन कार्यक्रम का प्रदर्शन काफी निराशाजनक है.
कहते हैं सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ पुरुषोत्तम कुमार ने कहा कि परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत सबसे अधिक ठंड के मौसम में लोग बंध्याकरण व नसबंदी कराना चाहते हैं. जिसके कारण अभी पहले त्रैमासिक में लक्ष्य के अनुकूल थोड़ी कम उपलब्धी प्राप्त हुई है. तीसरे और अंतिम त्रैमासिक में यह ग्राफ काफी तेजी से बढ़ जायेगा. परिवार नियोजन पखवाड़ा में लक्ष्य के अनुकूल उपलब्धी कम है, इस पखवाड़े को 31 जुलाई तक बढ़ा दिया गया है.
तीन महीने में बंध्याकरण व नसबंदी का आंकड़ा
संस्थान महिला पुरुष
सदर पीएचसी 35 —
जमालपुर 73 —
धरहरा 63 —
हवेली खड़गपुर 54 1
तारापुर 54 —
संग्रामपुर 40 —
बरियारपुर 33 —
असरगंज 24 1
टेटियाबंबर 17 —
सदर अस्पताल 71 1
निजी संस्थान 75 —
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