मुंगेर : मुंगेर के नये पुलिस अधीक्षक गौरव मंगला के लिए मुंगेर का कार्यकाल चुनौतियों से भरा है. वे ऐसे समय में मुंगेर का कमान संभाले हैं जब मुंगेर व जमालपुर शहर में अपराधियों का संगठित नेटवर्क चल रहा और अपराधियों के भय से व्यवसायी पलायन कर रहे हैं. व्यवसायियों से रंगदारी वसूली जा रही. जबकि बात-बात में अपराधी गोलीबारी की वारदात को अंजाम देता है. जिले में कई आपराधिक गिरोह सक्रिय हैं जो अपनी सत्ता चलाना चाहता है. इस परिस्थिति में अपराध नियंत्रण व अपराधियों में भय पैदा करना निश्चित रूप से एक चुनौती है. हाल के वर्षों में जिस प्रकार मुंगेर एवं जमालपुर शहर में अपराधियों ने दिनदहाड़े व फिल्मी स्टाइल से हत्याओं को अंजाम दिया वह पुलिस प्रशासन पर सवाल उठाता रहा है.
चाहे हाल के दिनों में जमालपुर इस्ट कॉलोनी थाना क्षेत्र के रेलवे मुख्य अस्पताल द्वार पर सुबह सबेरे रेलकर्मी नंदन साह व राकेश कुमार की सरेआम हत्या का मामला हो या मुंगेर शहर के सादीपुर में सेवानिवृत्त अंचलाधिकारी दंपती राजनीति कुंवर व उसकी पत्नी कांति देवी की गला रेत कर हत्या. इस मामले का अबतक उद्भेदन भी नहीं हो पाया है. मुंगेर में आपराधिक गिरोह द्वारा व्यवसायियों से रंगदारी वसूलने की वारदात भी बढ़ गयी है और हाल के दिनों में एक स्वर्ण व्यवसायी को रंगदारी के मामले में गोली मार दी गयी थी. जबकि रंगदारी से त्रस्त होकर एक माह के अंदर शहर के दो बड़े व्यवसायी ने मुंगेर को अलविदा कह दिया. इसके साथ ही मुंगेर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हथियार के अवैध निर्माण व तस्करी के लिए चर्चित रहा है और व्यापक स्तर पर यह कारोबार संचालित होता है. जिसे रोकना एक चैलेंज है. साथ ही अवैध शराब कारोबार पर नियंत्रण भी एक बड़ा मुद्दा है.