मुंगेर : शहर के अंबे चौक पर बुधवार को ट्रैफिक पुलिस व बरियारपुर के अंचलाधिकारी के बीच उत्पन्न विवाद के कारण पूरा प्रशासनिक महकमा अस्त-व्यस्त रहा. नो इंट्री के मुद्दे को लेकर जिस प्रकार पुलिसकर्मियों ने अंचलाधिकारी व उसके चालक की पिटाई की और प्रतिक्रिया में सदर अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा कोर्ट परिसर में पुलिस कर्मियों से झपड़ हुई उससे स्थिति काफी विस्फोटक हो गयी. जिसके बाद सिविल प्रशासन एवं पुलिस कर्मी आमने-सामने की स्थिति में आ गये. दूसरी ओर घटना के विरोध में समाहरणालय से लेकर प्रखंड कार्यालय तक में कामकाज नहीं हुआ.
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सीओ व पुलिस की झड़प के बाद प्रशासनिक महकमा अस्त-व्यस्त
मुंगेर : शहर के अंबे चौक पर बुधवार को ट्रैफिक पुलिस व बरियारपुर के अंचलाधिकारी के बीच उत्पन्न विवाद के कारण पूरा प्रशासनिक महकमा अस्त-व्यस्त रहा. नो इंट्री के मुद्दे को लेकर जिस प्रकार पुलिसकर्मियों ने अंचलाधिकारी व उसके चालक की पिटाई की और प्रतिक्रिया में सदर अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा कोर्ट परिसर में पुलिस कर्मियों […]
यू तो मुंगेर में ट्रैफिक नियमों का कोई अता-पता नहीं है. बावजूद बुधवार को नो इंट्री में वाहन घुसाने को लेकर पुलिस एवं प्रशासन के बीच तनातनी की स्थिति हो गयी. पुलिस के जवानों ने जहां कैदी वैन में बंद कर बरियारपुर के सीओ मुकुल कुमार झा और उसके चालक हीरालाल को बुरे तरीके से पीटा. वहीं ड्यूटी पर तैनात ट्रैफिक जवान की पिटाई सीओ व चालक द्वारा करने एवं कोर्ट हाजत स्थित ट्रैजरी में कार्यरत जवान के साथ मारपीट के बाद मामला उलझ गया. सैकड़ों की संख्या में जवानों ने समाहरणालय पहुंच कर विरोध दर्ज कराया. सीओ जहां पुलिस कर्मियों पर मारपीट का आरोप लगा रहे हैं, वहीं जवान एसडीओ और सीओ पर मारपीट का आरोप लगा रहे हैं.
कैदी वैन में बंद कर की पिटाई : ट्रैफिक जवान जयप्रकाश जोशी को पिटते देख पुलिस लाइन से कैदी वैन पर ड्यूटी के लिए जा रहे जवान आक्रोशित हो गये. जवानों ने बरियारपुर सीओ मुकुल कुमार झा एवं चालक जमालपुर छोटी दौलतपुर निवासी हीरालाल को कैदी वैन में खींच कर अंदर बंद कर लिया और पिटाई प्रारंभ कर दी. अंबे चौक से पीटते हुए दोनों को किला परिसर लाया और जिला परिषद के गेट पर उतार दिया. कुछ जवान वहीं उतर कर कोर्ट, ट्रैजरी एवं अन्य स्थानों पर ड्यूटी के लिए रवाना हो गये.
जबकि कैदी वैन मुंगेर मंडल कारा चला गया.
भड़के जवान, की नारेबाजी : जिला परिषद गेट के समीप कैदी वाहन से मुक्त होते सीओ अपने चालक के साथ सीधे एसडीओ कार्यालय पहुंचे और एसडीओ डॉ कुंदन कुमार को घटना की जानकारी दी. तब तक पिटाई की खबर चारों और फैल गयी थी. खबर मिलते ही अराजपत्रित कर्मचारी संघ के कुछ सदस्य, अनुमंडल कार्यालय कर्मी एकजुट हो गये और सीओ की पिटाई का विरोध करने लगे. सीओ की आपबीती सुन कर एसडीओ भी गुस्से में आ गये और पिटाई करने वाले पुलिसकर्मी को खोजने के लिए न्यायालय परिसर स्थिति ट्रेजरी पहुंच गये. गेट पर ही करविंदर सिंह नामक सिपाही की पहचान सीओ ने पिटाई करने वालों में की.
जिसके बाद उक्त सिपाही के साथ भी कर्मचारी मारपीट करने लगे. एएसपी हरिशंकर प्रसाद के हस्तक्षेप से मामला तो वहां शांत हो गया. लेकिन सिपाही की पिटाई की खबर मिलते ही जवानों का हुजूम समाहरणालय पहुंच कर एसडीओ के खिलाफ नारेबाजी प्रारंभ कर दिया. एसपी कार्यालय में भी कामकाज ठप कर जवान समाहरणालय पहुंच गये. जवान इतने आक्रोशित थे कि वे कोई भी बात मानने को तैयार नहीं हो रहे थे.
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