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मुख्य डाकघर में दो घंटे में ही रकम समाप्त

निराश लौटे लोग. बढ़ती जा रही है परेशानी, नहीं हो रही आवश्यकता के अनुसार रुपये की प्राप्ति मधुबनी : पांच सौ व हजार के नोट बंद होने के छठे दिन भी राशि को लेकर लोग बेहाल रहे. परेशानी कम होने के बदले दिन व दिन बढ़ती ही जा रही है. सुबह से ही लोग लाइन […]

निराश लौटे लोग. बढ़ती जा रही है परेशानी, नहीं हो रही आवश्यकता के अनुसार रुपये की प्राप्ति

मधुबनी : पांच सौ व हजार के नोट बंद होने के छठे दिन भी राशि को लेकर लोग बेहाल रहे. परेशानी कम होने के बदले दिन व दिन बढ़ती ही जा रही है. सुबह से ही लोग लाइन में लगते हैं, पर जब तक उनका नंबर आता है तब तक राशि ही समाप्त हो जाती है .
वापस घर जाते हैं. अगले दिन इससे पहले ही आकर लाइन में लग जाते हैं. हर किसी के मूंह से यही बात सुनी जा रही है कि ऐसी परेशानी न कभी सुनी थी और ना ही कभी झेली थी. किसी के हाथ में पांच सौ के नोट थे तो किसी के हाथ में हजार के नोट. पर उद्देश्य सबों का एक ही. किसी तरह इसे बैंक में रखकर इसके एवज में बैंक से सौ – सौ का नोट लें जिन्हें रकम मिल रही थी वे अपने आप को सबसे धनी समझ रहे थे. रुपये के लेन देन में परेशानी ने हर स्तर पर समस्या खड़ी कर दी है.
कई परिवार में शादी का समय बढ़ा दिया गया है तो किसानों की खेती भी चौपट हो रही है. रबी के फसल में बुआई एवं धान कटाई का काम भी प्रभावित हो रहा है. स्कूलों में बच्चों की फीस नहीं जमा हो पा रही है. घर का राशन केराेसिन भी समाप्त होता जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों से लोग शहर में राशि लेन देन करने आ रहे हैं पर शहर मुख्यालय के बैंकों में ही राशि पर्याप्त मात्रा में नहीं है. जिस कारण लोगों को आने जाने का किराया भी गंवाना पड़ रहा है.
खेती चौपट : खेत में धान पक कर तैयार है. किसान मजदूर एवं मशीन के लिये मारे मारे फिर रहे हैं. ना तो धान काटने के लिये मजदूर मिल रहा है और ना ही मशीन ही किसान ले पा रहे हैं. जिस कारण खेतों में लगा धान धीरे धीरे झड़ रहा है. किसानों का कहना है कि एक तो मजदूर की कमी है.
जो कुछ मजदूर हैं वे सुबह से ही बैंकों में रुपये निकासी के लिये चले जाते हैं. ऐसे में मजदूर ही नहीं मिल रहा है. किसान दौड़ कर रीपर वाइंडर मशीन के तलाश में जाते हैं. पर समस्या इसमें भी है. किसानों के पास धान कटाइ के लिये रकम ही नहीं है. जिसे वह मशीन भाड़ा चुका सकें. इस समय में हर साल किसान विभिन्न प्रकार के कृषि यंत्र की खरीद करते रहे हैं. पर इस साल हाथ में पैसा रहने के बाद भी वे मशीन की खरीदारी नहीं कर पा रहे हैं. इससे व्यवसायी का कारोबार भी प्रभावित हो रहा है.
नहीं हो पा रही खाद बीज की खरीदारी : इधर, रबी के फसल के आदर्श बुआई के समय में ही किसानों को खाद बीज नहीं मिल पा रहा है. इससे किसान मायूस हैं. हाथ में पांच पांच सौ व हजार – हजार के नोट लेकर किसान दुकान दर दुकान घूम रहे हैं. पर ना तो कोई विक्रेता ये नोट ले रहे हैं और ना तो किसानों को बीज व खाद ही मिल पा रहे हैं.
किसान विनय चंद्र झा बताते हैं कि गेहूं की बुआई के लिये खेत तैयार है. सही समय 15 नवंबर से 30 नवंबर तक माना जाता है. सोचा था अगात खेती कर लेंगे. पर तीन दिन से बाजार में आ रहे हैं. एक भी दुकानदार गेहूं का बीज व खाद नहीं दे पा रहे हैं. सौ – सौ के नोट हैं नहीं. यही हाल सब्जी की खेती, धनिया बुआई, मसूर बुआई, मूली व अन्य रबी फसल का है. इधर बाजार में कंपनी द्वारा खाद बीज मंगाकर किसान बैठे हुए है. खरीदार ही नहीं है.
एसबीआइ, सेंट्रल बैंक व पीएनबी में रकम की कमी नहीं : इधर एक ओर जहां कई बैंकों में रकम की मारामारी है, वहीं एसबीआई, सेंट्रल बैंक में रकम का पूरा प्रबंध है. हालांकि ग्राहकों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. पर रकम मिल पा रही है. आर के कॉलेज पीएनबी शाखा में भी ग्राहकों को सहूलियत के साथ रकम का लेन देन शाखा प्रबंधक के द्वारा किया जा रहा है. चार काउंटर बनाये गये हैं. सेंट्रल बैंक के एलडीएम एम अख्तर ने बताया है कि सेंट्रल बैंक में रकम की दिक्कत नहीं है. ग्राहकों को रकम का एक्सचेंज किया जा रहा है.
दो घंटे में प्रधान डाकघर का रुपया समाप्त, निराश लौटे लोग : दूर दराज से रुपये बदलने के खयाल से प्रधान डाकघर में आये सैकड़ों लोगों को निराशा ही हाथ लगी. महज दो घंटे में ही पोस्ट ऑफिस का रकम समाप्त हो गया. जिस कारण बारह बजे डाक प्रबंधन ने रकम लेन देन का काम बंद कर मुख्य द्वार को ही बंद कर दिया.
इससे पूर्व सुबह से ही नोट बदली को लेकर लोगों का भीड़ लगा रहा. प्रधान डाकघर में सोमवार को ग्राहक को 4500 रुपये एक्सचेंज के लिए लिया गया. डाक अधीक्षक मो. जैनुदीन ने बताया कि बैंक राशि आवश्यकता के अनुसार नहीं दे रही है. जिस कारण परेशानी हो रही है. लेकिन जितना राशि मिलता उससे एक्सचेंज का काम और बचत खाता से भुगतान का काम किया जाता है.
डाक अधीक्षक ने बताया कि दो दिन से बैंक में मांग पत्र लेकर सुबह में गार्ड के साथ स्टाफ जाता है लेकिन बैंक राशि नहीं दे रही है. डाक अधीक्षक का कहना था कि बैंक अगले दो दिन तक छोटा नोट नहीं देगा. जिस कारण उपडाकघर में काम बंद है. वहीं प्रधान डाकघर में प्रतिदिन 12 बजे तक ही राशि का बटवारा हो पाता है.
डाक अधीक्षक जैनुद्दीन ने बताया कि कम से कम हर दिन 10 लाख रुपये चाहिये.
एटीएम में लंबी लाइन : शहर मुख्यालय में सोमवार को पांच एटीएम में रकम तो मिलनी शुरू हुई. पर भीड़ इतनी कि लोग बेहाल हो गये. सूड़ी स्कूल के समीप आईडीबीआई बैंक के एटीएम में सुबह से ही लोगों की भीड़ लगी रही.
एक ग्राहक एटीएम से रकम लेकर निकलते ही नहीं कि पांच आदमी पीछे से कतार में खड़े हो जाते हैं. यह सिलसिला देर शाम तक जारी रहा. हालांकि शहर के कई एटीएम में ताले लगे रहे. तीन दर्जन से अधिक एटीएम शहर मुख्यालय में ही हैं. इसमें मात्र पांच एटीएम से ही रकम मिलने से लोगों की भारी भीड़ है.
खेती भी चौपट, रबी की बुआई के लिए नहीं मिल रहा खाद-बीज, पुलिस-ग्राहक व बैंक प्रबंधन में बढ़ी ं नोकझोंक की घटनाएं
एटीएम में लगी भीड़.
एसबीआइ में लोगों की भीड़ ,
वाट्सन स्कल के समीप बंद एटीएम .
बैंेक में पैसा िनकालने व जमा करने को लेकर जुटे खाताधारक व अन्य .

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