-संजय झा-
मधुबनीः आगामी जून से जिले के सौराठ में स्थापित मिथिला आर्ट इंस्टीट्यूट में पढ़ाई शुरू हो जायेगी. इसको लेकर सिलेबस कमेटी की बैठक हो गई है. सरकार ने इस आशय को तत्काल हरी झंडी दे दी है. फिलहाल ऐतिहासिक सौराठ गांव में दो एकड़ में फैले मिथिला कला संस्थान की आधारभूत संरचना अभी पूर्ण रूप से विकसित नहीं हुई है.
ऐसे में सरकार ने निर्णय लिया है कि इसे तत्काल किराये के मकान में ही चलाया जाय. राज्य योजना आयोग के सदस्य संजय झा ने बताया कि मिथिला कला संस्थान में पढ़ाई की शुरुआत तीन तरह के कोर्स से की जा रही है. प्रथम एक महीने की प्रवेशिका, दूसरे छह महीने का सर्टिफिकेट कोर्स तथा तीसरा तीन साल का डिप्लोमा कोर्स होगा.
इसके लिये कमेटी सिलेबस का प्रारूप संस्कृति मंत्रलय को सौंपेगा. इसके अनुमोदन के पश्चात संस्थान का सपना विधिवत रूप से हकीकत बन जायेगा. कमेटी में प्रख्यात ग्राफिक डिजाइनर अमिताभ पांडेय, समकालिन चित्रकार वीरेंद्र, मधुबनी पेंटिंग के वरीय कलाकार के के कश्चप, संतोष कुमार दास व के सान्तनु शामिल है.
कमेटी ने यह निर्णय लिया है कि इस संस्थान की अध्यापन शैली इस प्रकार हो कि मिथिला की लोक कला एवं कलाकृति को अक्षुण्ण रखा जाय. संस्थान की विशेषता होगी कि इसे पूर्णत: भारतीय परंपरा यथा गुरुकुल की तरह चलाया जायेगा. तत्काल संस्थान में शिक्षण कार्य के लिए मधुबनी पेंटिंग के वरीय कलाकारों की सेवा ली जायेगी. बताते चलें कि गत वर्ष सेवा यात्र के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मिथिला आर्ट इंस्टीट्यूट की स्थापना की घोषणा की थी. दरअसल, यह घोषणा जिले में व्याप्त मिथिला लोक कलाकृति के कलाकारों की तादाद को देख कर की गयी थी. हालांकि जिले के लोगों की यह चिरलंबित मांग भी थी.