मधुबनीः बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देश पर स्थानीय व्यवहार न्यायालय परिसर में विशेष लोक अदालत का आयोजन किया गया. हालांकि इसमें 14 अभिलेख फौजदारी व परिवार न्यायालय से संबंधित सुलहनीय वादों के लिए निबटारा के लिए आया था. पक्ष कारों को नहीं पहुंचने के कारण एक भी मामला निबटारा नहीं हो सका.
विशेष लोक अदालत के लिए वसंत कुमार न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी पीठासीन पदाधिकारी बनाये गये थे. वहीं दूसरी ओर, मध्यस्थता मामलों का निबटाने की सरल व निष्पक्ष प्रक्रिया है. इसमें किसी भी पक्ष वार की न जीत होती है और न हार. उक्त बातें परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश बलराम दूबे ने शनिवार को मध्य स्थता कार्यक्रम के दौरान कही. उन्होंने कहा कि मध्य स्थता से विवादों का जल्द निबटारा होता है. न्यायालय के कठिन प्रक्रिया से बचाता है. वहीं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अशोक कुमार गुप्ता ने मध्य स्थता प्रक्रिया से होने वाले लाभों को बारे में जानकारी दी. इस दौरान कार्यक्रम को प्रथम एडीजे अमित कुमार पांडेय, सब जज प्रथम, अरविंद आजाद, द्वितीय एडीजे ओम प्रकाश चतुर्थ, तृतीय एडीजे मनमोहन शरण लाल सहित सभी न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी मौजूद थे.