मधुबनी : कहां तो तय था चरागा हर घर के लिए, कहां रौशनी मय्यशर नहीं शहर के लिए. हिंदी के एक बड़े शायर दुश्यंत कुमार की यह पंक्ति इन दिनों नप व शहर में सौ फीसदी चरितार्थ हो रहा है. एक ओर जहां नप प्रशासन शहर में हमेशा ही सफाई के दावे करते नहीं थकती है वहीं दूसरी ओर नप के मुख्यपार्षद और कई अन्य पार्षदों ने ही सफाई व्यवस्था से नाराजगी जतायी है.
शनिवार को नगर परिषद के मुख्य पार्षद के कार्यालय कक्ष में मुख्य पार्षद खालिद अनवर की अध्यक्षता में बोर्ड की बैठक में कई प्रस्ताव पर बहस हुई. बैठक में मुख्य रूप से वार्ड नंबर 1 से 30 तक डोर टू डोर सफाई, स्थानीय प्रशासन द्वारा वार्ड सदस्यों को सहयोग नहीं करने एवं अन्य विषयों में व्यापक रूप से चर्चा की गयी. सफ ाई में विफल शहर की सफाई व्यवस्था से आहत मुख्य पार्षद ने कहा कि कुछ इलाकों को छोड़कर शहर में सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है.
शहर के सफाई व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए नगर परिषद के सफाई कर्मी के अलावा एनजीओ बहाल किये गये हैं. जिसमें सफाई कर्मी सफाई कार्य में पूर्णत: विफल रहे हैं. यह पहलू सोचनीय हैं. उन्होंने कहा कि सफाई कर्मी या तो सुधर जाए नहीं तो सुधार दिये जायेंगे. उन्होंने अन्य कर्मियों को भी अपने कार्य प्रणाली में बदलाव की हिदायत दी. वहीं स्थानीय प्रशासन द्वारा वार्ड पार्षदों को सहयोग नहीं करने पर चिंता जतायी. कहा कि प्रशासन सहयोग तो दूर मशविरा भी नहीं सुनती.
उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ सरकार को जानकारी दी गयी है. उन्होंने वार्ड पार्षद एक मुहिम की तरह स्थानीय प्रशासन का विरोध करेंगे. वहीं शहर में विकास के अन्य योजनाओं पर व्यापक चर्चा की गयी. पार्षदों ने भी उठाया मुद्दा बहस में भाग लेते वार्ड पार्षदों ने अपनी अपनी राय व्यक्त किये. वार्ड पार्षद जयशंकर प्रसाद, अशोक महतो, मखनी देवी, सुलेखा देवी, रितेश कुमर सोनू, रूमी देवी, पूनम देवी, हेना कौशर, परशुराम प्रसाद, पवन कुमार पूर्वे, ईमाम अली ने जहां वार्डों में सड़कों एवं नालों की सफाई का मामला उठाया.
वहीं सुभाष चंद्र मिश्र ने डोर टू डोर कचड़ा उठाव शीघ्र करवाने की मांग की. जबकि नागेंद्र राउत ने सड़कों की सफाई का मामला उठाते हुए कहा कि नप अपने मुख्य उद्देश्य से भटक गयी है. उन्होंने कहा कि दिसंबर माह में शहर के घरों में पानी रहना नप के कार्यप्रणाली को दर्शाता है. वहीं वार्ड नंबर 20 की पार्षद ने नप के कार्य प्रणाली एवं इसके सिस्टम पर ही प्रश्न चिह्न लगा दिया. कहा पार्षदों की बातों की अनदेखी की जाती है. नप प्रशासन के ईद गिर्द रहने वाले एक आध पार्षदों का ही कुछ काम होना दुखद हैं. उन्होंने कहा कि सफाई कर्मी पार्षद की बात नहीं सुनते इससे दुखद पहलू क्या हो सकती है.
बैठक में मामला तब और भी गंभीर हो गया. जब वार्ड नंबर 9 के पार्षद शाहजहां ने मुख्य पार्षद के कक्ष में लगे मकड़ी जाल पर बड़ा कटाक्ष करते हुए कहा कि सर आपके कक्ष को देखने से ही पत चलत है कि शहर की हालत कैसी होगी. इसका समर्थन पार्षद समीतुल्लाह खान ने भी की. पार्षद अनीस अहमद ने पदाधिकारी के कार्य प्रणाली पर प्रश्न चिह्न लगाते हुए इस्तीफा की मांग की. पार्षद समीउर्रहमान मुंशी ने शौचालय निर्माण, राशन कार्ड व वेपर लाइट का मामला उठाया.
एक सप्ताह में बदलेगी सूरत कार्यपालक पदाधिकारी जटाशंकर झा ने पार्षदों को एक सप्ताह के अंदर शहर की सूरत में सुधार होने का आश्वासन दिया. पार्षदों द्वारा उठाये गये प्रश्न का जवाब देते हुए कहा घबराईये नहीं एक सप्ताह में शहर की सूरत बदल दी जायेगी. शहर में सफाई व्यवस्था दुरुस्त कर दी जायेगी. नयी योजना के तहत हर घर से कचड़ा उठाव किया जायेगा.
यह दिसंबर के प्रथम सप्ताह से शुरू हे जायेगा. वहीं शहर के नव निर्वाचित विधायक समीर कुमार महासेठ का नगर परिषद पहुंचने पर पार्षदों व कर्मियों ने स्वागत किया. विधायक श्री महासेठ ने शहर के विकास में हर संभव मदद का आश्वासन दिया.
जिसका पार्षदों ने स्वागत किया. मानसिक रूप से बिमार है अजय चौधरी! पटना पुलिस करेगी अनुसंधान: एसपीबिमारी के संबंध में परिजन ने नहीं दिए सबूतमधुबनी: रहिका थाना के जगतपुर गांव से 26 नवंबर के गिरफ्तार अजय चौधरी द्वारा पुलिस को दिये बयान से यह प्रतीत होता है कि उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं हैं.
ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक नीजी टीवी चैनल के माध्यम से बम ब्लास्ट कर उड़ाने की धमकी देने वाले अजय चौधरी की गिरफ्तारी मधुबनी पुलिस ने आनन फानन में त्वरित कार्रवााई करते हुए की थी.
पुलिस सूत्रों के अनुसार गिरफ्तार अजय चौधरी ने पुलिस को पुछतछ में जो जवाब दिया वह कहीं से भी उसके आपराधिक या संगठित गिरोह के होने की पुष्टि नहीं करता है. कई पुलिस अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वह मानसिक रूप से बिमार प्रतीत होता है. बहकी बहकी बातें कर रहा है. हालांकि इस दिशा मेंे अभी व्यापक तौर पर जांच की जा रही है.
सूत्रोें की मानें तो पुलिस के पूछ ताछ में उसने कई ऐसे बातों का उसने उल्लेख किया जिसका कोई मतलब नहीं था. पूछ ताछ में उसने यह भी कहा कि वह बीमार रहता है व उसकी माली हालत ऐसी नहीं है कि वह अपना इलाज करा सके. जेल में रहने पर उसका उचित इलाज ते हो सकता है. इसीलिये उसने सीएम को बम से मारने की धमकी दी थी. उसने कहा कि हैदराबाद ब्लास्ट में शामिल आतंकबादी भागकर रहिका आ गए हैं. वे लोग उन्हें (अजय चौधरी) को मारने के लिए तलाश रहे हैं.
पटना पुलिस कर रही अनुसंधानपुलिस अधीक्षक अख्तर हुसैन ने कहा कि मुख्यमंत्री को जान से मारने की धमकी भरा एसएमएस भेजने वाले मामले में आरोपित की गिरफ्तारी में शामिल सभी पुलिस कर्मियों को सम्मानित व पुरस्कृत किया जायेगा. हालांकि आरोपित अजय चौधरी के बारे में उन्होंने कह कि वह मनसिक रूप से बिमार है कि नहीं यह तो अनुसंधान का विषय है.
पटना पुलिस अनुसंधान कर यह पता लगायेगी. एसपी ने कहा कि उसके पास से उस मोबाइल को जब्त किया गया. जिससे धमकी दिया गया है. उन्होंने कहा कि उसके परिजन द्वारा किसी प्रकार के मेडिकल जांच के संदर्भ या मानसिक बीमारी के बारे में कोई पुख्ता सबूत नहीं दिये हैं.