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दुकानों में जाने से डर रहे ग्राहक
भूकंप का भय : व्यवसायियों को हुआ लाखों का नुकसान मधुबनी : शहर में 25 अप्रैल 2015 से रूक रूक कर आ रहे भूकंप से झटके के कारण शहर में व्यवसाय के झटके के कारण शहर में व्यवसाय पर घातक असर पड़ा है. व्यवसायी वर्ग चिंता में है. स्थिति का आलम यह है कि लगन […]
भूकंप का भय : व्यवसायियों को हुआ लाखों का नुकसान
मधुबनी : शहर में 25 अप्रैल 2015 से रूक रूक कर आ रहे भूकंप से झटके के कारण शहर में व्यवसाय के झटके के कारण शहर में व्यवसाय पर घातक असर पड़ा है. व्यवसायी वर्ग चिंता में है. स्थिति का आलम यह है कि लगन का समय रहने के बाद भी दुकानें खाली है. बाजारों में अन्य दिनों की अपेक्षा कम ग्राहकों की भीड़ देखी जा रही है.
गली में हैं अधिकांश दुकानें
शहर में अधिकांश व्यावसायिक प्रतिष्ठान संकीर्ण इलाके में है. दोनों और बहुमंजिला इमारत अवस्थित है. शहर में सोना चांदी की दुकान गली में अवस्थित है. आसपास कोई भी खुला सुरक्षित स्थान नहीं है जिससे भूकंप आने पर लोग जान बचाने के लिये दुकानों से निकलकर राहत की सांस ले सकें. ऐसे में भूकंप के तेज झटके आने पर इन बाजारों में लोगों को जान बचाने लाले पड़ जायेंगे. जिस कारण लोग ऐसे बाजारों में खरीदारी करने के लिये जाने से कतरा रहे हैं.
सर्राफा बाजार सूत्रों की मानें तो लगन के माह में विगत कुछ माह पूर्व हर दिन लाखों की बिक्री होती थी. पर इस साल हर सर्राफा व्यवसायी ग्राहकों के इंतजार में बैठे रहते हैं. ग्राहक ढूंढने से भी नहीं मिल रहा है. सर्राफा बाजार के टिंकू कसेरा ने बताया है कि भूकंप के कारण हर दिन बाजार में लाखों की बिक्री प्रभावित हुई है.
कहां कहां है खतरा
शहर के बाटा चौक से लेकर शंकर चौक जाने वाली सड़क के किनारे कई व्यावसायिक प्रतिष्ठान है. पर सड़क संकीर्ण होने और दोनों तरफ बहुमंजिला इमारत होने के कारण इन व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में जाने से ग्राहक डर रहे है. इससे व्यवसायियों को व्यापक आर्थिक क्षति हो रहीं है.
शंकर चौक से आर के कॉलेज जाने वाली सड़क के किनारे अवस्थित दुकानदार सिर पीट रहें है. भूकंप के डर से इन दुकानों में भी ग्राहकों की संख्या काफी कम हो गई है. महिला कॉलेज रोड स्टेशन चौक, गंगासागर चौक से मिथिला टॉकिज होते हुये शंकर टॉकिज तक जाने वाली सड़क में दोनों ओर कई प्रमुख व्यावसायिक प्रतिष्ठान है. पर दोनों ओर दुकानें रहने के कारण व्यवसायियों के पास ग्राहक नहीं पहुंच रहे है. आते भी है तो कम संख्या में .
25 अप्रैल 2015 के बाद से अब तक कई बार लगातार झटका आने के कारण ग्राहक कोई रिस्क नहीं लेना चाहते. इन दुकानों को लाइसेंस देने के समय ग्राहकों की आपदा सुरक्षा का भी कोई मानक नहीं तैयार किया गया है. थाना चौक के पास नगर परिषद में नोटिस देने के बाद भी मार्केट को दुकानदारों द्वारा खाली नहीं किये जाने के कारण ग्राहक की जान पर खतरा बना रहता है.
शहर में ग्राहकों के दुकानों पर कम आने के कारण व्यापक आर्थिक क्षति हुई है. कोतवाली चौक से लेकर गोवा पोखरा तक सड़क में दोनों ओर दुकानों में अधिकांश समय सन्नाटा छाया रहता है. व्यवसायी हाथ पर हाथ धरे बैठे रहते है. ग्राहक रिस्क जोन में दुकान रहने के कारण वहां जाने से हिचक रहे है .
मॉल भी रिस्क जोन में
प्रधान डाक घर के समीप बहुमंजिला मॉल का शीशा टूट जाने के कारण ग्राहक घबराये रहते है. मॉल में भूकंप की आशंका से ग्राहकों की संख्या में कमी आई है. शहर में भूकंप व्यवसायियों के लिये आफत बनकर आई है. कई व्यवसायी का तो धंधा ही चौपट हो गया है.
क्या कहते हैं व्यवसायी
वहीं चैबर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष नवीन जयसवाल ने कहा है कि भूकंप को रोकना तो किसी के बूते की बात नहीं है. पर इससे बचाव के लिये पहल किया जा सकता है. लोगों को भूकंप के प्रति जागरूक करने से भी बाजार में ग्राहकों की भीड़ बढ सकती है. पर इस दिशा में कोई पहल नहीं हो रही है.
शहर में व्यवसायी मनीष कुमार ने कहा है कि सरकार को किसानों की तरह छोटे व्यवसायियों को भी मुआवजा देना चाहिये. क्योंकि छोटे छोटे व्यवसायियों की स्थिति भूकंप को लेकर खासे प्रभावित हो गया है.
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