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73 हाइस्कूलों में शिक्षकों की कमी
मधुबनी : जिले में 73 हाइस्कूल वैसे हैं जहां कक्षा नौ और 10 की पढ़ाई होती है पर एक भी शिक्षक नहीं है. इन स्कूलों में नामांकित लगभग 20 हजार छात्र-छात्राओं का शैक्षणिक भविष्य अधर में लटक गया है. शिक्षक नहीं रहने के कारण इन हाई स्कूलों में हाहाकार मच गया है. पूर्व में ये […]
मधुबनी : जिले में 73 हाइस्कूल वैसे हैं जहां कक्षा नौ और 10 की पढ़ाई होती है पर एक भी शिक्षक नहीं है. इन स्कूलों में नामांकित लगभग 20 हजार छात्र-छात्राओं का शैक्षणिक भविष्य अधर में लटक गया है.
शिक्षक नहीं रहने के कारण इन हाई स्कूलों में हाहाकार मच गया है. पूर्व में ये सभी मिडिल स्कूल थे जिन्हें वर्ष 2011-12 और 2013-14 में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अंतर्गत उत्क्रमित कर हाई स्कूल बना दिया गया. छात्रों का नामांकन शुरू हो गया. कई छात्र कक्षा नौ से 10 में चले गये पर अभी तक एक भी शिक्षक या शिक्षिका की बहाली इन स्कूलों में नहीं की गई है. ये सभी सरकारी स्कूल हैं.
कहां कहां है ये स्कूल
जिले के मारड़, भरफोरी, कुसमार, केवोटना, रामपुर, नरेंद्रपुर, महथौर, महथौर खुर्द, अंधारवन, करियौत, सिकटियाही, कूरीबन, थरूआही, भवानीपुर, दीप, सिजाैलिया गोठ, एकहत्था, रही, सुगौना, बकुआ, द्वालख, एकहरी, कौआहा, चिकना, सिमरा, भगवतीपुर, कसमा मरार, सिमरी, टेंगराहा, पोखरौनी, अमौजा, मदनपट्टी, बरहारा, सिरखरिया, बलिया, भौड़, नरही, बिहारी, चपराढ़ी, घोड़बंकी, जहरमोहरा, अड़रिया संग्राम, जरैल, नरही, सिधप परसाही, विक्रमशेर आदि गांवों में ये विद्यालय अवस्थित हैं.
निदेशक ने दिया था निर्देश
निदेशक माध्यमिक शिक्षा आरबी चौधरी ने ज्ञापांक 83 दिनांक 16 जनवरी 2015 को ही इन नव उत्क्रमित हाइ स्कूलों में प्रति विद्यालय पांच शिक्षकों का नियोजन करने का निर्देश दिया था.
हिंदी, अंग्रेजी, विज्ञान, गणित व सामाजिक विज्ञान में शिक्षकों का नियोजन इन सभी विषयों में करने का आदेश दिया था. उपरोक्त इकाई को वर्तमान नियोजन की प्रक्रिया में सम्मिलित कर आगे की कार्रवाई करने का भी जिला शिक्षा विभाग को आदेश दिया था. इन 73 नये हाई स्कूलों में 365 शिक्षकों का नियोजन होना था जो नहीं हो सका है. सभी पद रिक्त हैं.
छात्रों में हाहाकार
शिक्षक नहीं रहने से इन 73 नये हाई स्कूलों में हाहाकार मचा है. छात्र-छात्राओं का भविष्य चौपट हो रहा है. आधारभूत संरचना के अभाव में छात्रों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. इन छात्रों के अभिभावकों ने शिक्षकों का नियोजन नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है.
मिडिल स्कूल से हाई स्कूल बने सभी विद्यालय सिर्फ छात्रों का नामांकन केंद्र बन गया है. अमीर छात्र तो नामांकन के बाद कोचिंग में पढ़ाई कर परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं पर गरीब छात्रों पर आफत आ गई है. छात्रों में त्रहिमाम की स्थिति बन गई है. मिडिल स्कूल को हाई स्कूल तो बना दिया गया पर वर्ग कक्ष का निर्माण नहीं हो पाया है. प्रयोगशाला नहीं है. पुस्तकालय नहीं है. कमरों के अभाव में कक्षा नौ और 10 के छात्रों में हाहाकार है.
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